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Himachal Pradesh में उपचुनाव की घोषणा; मुख्यमंत्री बोले- निर्दलीय विधायकों ने बेची थी अपनी विधायिकी, जनता सिखाएगी सबक

बीते 22 मार्च को 3 निर्दलीय विधायक हिमाचल प्रदेश विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद भाजपा में शामिल हो गए थे. तीनों सीटों पर 10 जुलाई को मतदान होगा.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू. (फोटो: IANS)

चुनाव आयोग ने हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में खाली हुईं तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव (Assembly Bypoll) का ऐलान कर दिया है. प्रदेश की नालागढ़, देहरा और हमीरपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होंगे.

निर्दलीय विधायक कृष्ण लाल ठाकुर, होशियार सिंह देहरा और आशीष शर्मा के इस्तीफे से खाली हुईं इन तीन सीटों पर 10 जुलाई को वोटिंग होगी और 13 जुलाई को नतीजे आएंगे. चुनाव आयोग के अनुसार, उम्मीदवार 21 जून को अपना नामांकन पत्र दाखिल कर सकते हैं तथा नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 26 जून है.

दरअसल तीन 3 जून को विधानसभा स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने निर्दलीय विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया था. इसके एक दिन बाद 4 जून को संसदीय और हिमाचल प्रदेश की छह सीटों पर हुए विधानसभा उपचुनाव के नतीजे घोषित किए गए थे.

22 मार्च को दिया था इस्तीफा

निर्दलीय विधायक 22 मार्च को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देते हुए भाजपा में शामिल हो गए थे. ऐसे में उपचुनाव के ऐलान के बाद सियासत तेज हो चली है.

इससे पहले तीनों विधायकों ने हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और विधानसभा अध्यक्ष को उनके इस्तीफे स्वीकार करने के निर्देश देने की मांग की थी. इस बीच उन्होंने 30 मार्च को अपने इस्तीफे स्वीकार करने की मांग को लेकर विधानसभा स्पीकर पठानिया के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया था.

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान तीनों ने भाजपा से टिकट मांगा था, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला, जिसके बाद उन्होंने निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ा. बाद में जब कांग्रेस ने 40 विधायकों के साथ सरकार बनाई, तो तीनों निर्दलीयों ने पार्टी का समर्थन दे दिया था.


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मुख्यमंत्री ने क्या कहा

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि आजाद भारत में पहली बार किसी निर्दलीय विधायक ने पद से इस्तीफा दिया है. यह चुनाव साढ़े तीन साल के लिए होने जा रहा है. ऐसे में इनके क्षेत्र की जनता को यह फैसला करना है कि इन्हें साढ़े तीन साल के लिए फिर क्यों चुना जाए? निर्दलीय विधायकों ने अपनी विधायिकी बेची है, ऐसे में क्षेत्र की जनता इन्हें सबक सिखाएगी.

सोशल साइट एक्स पर उन्होंने कहा, ‘विधानसभा उपचुनाव उन निर्दलीय विधायकों के क्षेत्र में होने वाले हैं, जिन्होंने अपनी विधायकी बेची है. ये निर्दल विधायक सरकार के साथ भी रह सकते थे या विपक्ष के साथ भी रह सकते थे। लेकिन, इन लोगों ने अपनी विधायकी बेचकर इस्तीफा दिया. हिमाचल प्रदेश की जनता इस बार इन्हें जरूर सबक सिखाएगी.’

इस बीच, हिमाचल प्रदेश में 1 जून को हुए उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी ने 6 में से 4 विधानसभा सीटें जीत ली हैं. लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा ने मंडी, कांगड़ा, शिमला (एससी) और हमीरपुर की सभी चार संसदीय सीटें जीतीं. पिछले हफ्ते उपचुनाव में जीत के बाद सत्तारूढ़ कांग्रेस के पास अब 38 सीटें हैं और 68 सदस्यीय हिमाचल प्रदेश विधानसभा में भाजपा के पास 27 सीटें हैं.

प्रधानमंत्री से मांग

वहीं मुख्यमंत्री सुक्खू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वह जल्द उनसे मिलने दिल्ली जाएंगे. हिमाचल को जिस तरह से आपदा के दौरान राहत पैकेज नहीं मिला, उसकी मांग वो केंद्र सरकार से फिर से उठाएंगे. उन्होंने हिमाचल प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले जेपी नड्डा को मंत्री बनने पर बधाई दी.

दिल्ली को पानी देने के सवाल पर मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि वह दिल्ली को पानी देने के लिए तैयार है. पानी हरियाणा से होकर जाना है. हिमाचल को दिल्ली को पानी देने में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन हिमाचल पानी के लिए पैसे लेगा ताकि प्रदेश को आर्थिक मोर्चे पर मजबूती मिल सके.

-भारत एक्सप्रेस



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