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Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष ने उठाया अगला कदम, सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका, वजूखाने के सर्वे की मांग

Varanasi: हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने दावा किया कि, मुगल बादशाह औरंगजेब का शासनकाल के समय पुराने मंदिर को ध्वस्त कर यहां पर मस्जिद का निर्माण करवाया था.

ज्ञानवापी सर्वे (फोटो-सोशल मीडिया)

Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष ने अपना अगला कदम उठा दिया है और अन्य मांगों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी है. बता दें कि हिंदू पक्ष ने इस याचिका में मस्जिद के वजूखाने की सर्वे की मांग की है. इसी के साथ ही याचिका में ये भी कहा गया है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को बिना शिवलिंग को नुकसान पहुंचाए सर्वे करने का निर्देश दिया जाए. मालूम हो कि वजूखाने में शिवलिंग जैसी दिखने वाली आकृति की जगह को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सील किया गया है.

तो दूसरी ओर हिंदू पक्ष इस वजूखाने को काशी विश्वनाथ का मूल शिवलिंग होने का दावा करता है. तो वहीं एएसआई सर्वे रिपोर्ट में मंदिर के साक्ष्य पाए जाने के बाद से ज्ञानवापी के अन्य हिस्से की सर्वे की मांग की गई है. तो सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका में बताया गया है कि बाकी परिसर का सर्वे एएसआई कर चुका है. सिर्फ यही जगह बाकी है. इसलिए अब हिंदू पक्ष की तरफ से याचिका दायर कर इसकी भी सर्वे की मांग की गई है. बता दें कि हिंदू पक्ष की ओर से वजूखाने के सर्वे की मांग उस वक्त की गई है जब 20 जनवरी को इस जगह की साफ-सफाई कर मरी मछलियों को निकाला गया है.

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हिंदू पक्ष ने किया ये दावा

तो वहीं हिंदू पक्ष ने सर्वे रिपोर्ट का हवाला देते हुए ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण एक पुराने मंदिर के अवशेषों पर किए जाने का दावा किया है. हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने मीडिया से बात करते हुए दावा किया कि ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण 17वीं सदी में किया गया. उस समय मुगल बादशाह औरंगजेब का शासनकाल था और उसने एक पुराने मंदिर को ध्वस्त कर यहां पर मस्जिद का निर्माण करवाया था. इसी के साथ ही विष्णु जैन ने ये भी दावा किया है कि एएसआई की टीम जब मंदिर के भीतर सर्वे करने गई तो उसे इसके भीतर तहखानों में मूर्तियों के अवशेष मिले हैं. इसी के साथ उन्होंने रिपोर्ट के आधार पर कहा है कि मस्जिद के निर्माण के लिए जिन स्तंभों और पिलरों का इस्तेमाल किया गया है, वे पहले से मौजूद मंदिर के हैं. इसी के साथ रिपोर्ट में मस्जिद की पीछे की दीवार को एक मंदिर की दीवार बताया गया है.

मुस्लिम पक्ष ने सार्वजनिक न करने की मांग की थी

मालूम हो कि, ज्ञानवापी मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट को वाराणसी की जिला अदालत ने पिछले हफ्ते सभी पक्षों को सौंपने का निर्देश दिया था. तो वहीं मुस्लिम पक्ष ने सर्वे रिपोर्ट को सार्वजनिक न करने की मांग की थी. गौरतलब है कि पिछले साल अदालत के आदेश के बाद 21 जुलाई को एएसआई ने काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे किया था, जिसकी रिपोर्ट पिछले हफ्ते कोर्ट ने सार्वजनिक कर दी है.

-भारत एक्सप्रेस



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