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Gujarat: गाय के गोबर से बने घरों पर नहीं होता एटॉमिक रिएक्शन का असर- गुजरात कोर्ट की टिप्पणी

Gujrat: गाय के गोबर की महत्ता बताते हुए जज ने कहा कि आज के समय में रासायनिक खाद आधारित खेती के स्थान पर जैविक खेती लोकप्रिय हो रही है.

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सांकेतिक तस्वीर

Gujarat: गुजरात की तापी जिला अदालत ने तस्करी के एक मामले में सजा सुनाते हुए गाय को लेकर कई सारे बातें कहीं. तापी के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश समीर विनोद चंद्र व्यास ने अपनी अदालत में गाय और बैल के अवैध तस्करी के मामले में अपने फैसले के दौरान कहा कि आज विज्ञान ने यह साबित कर दिया है कि गाय के गोबर से बने घर एटॉमिक रेडिएशन से रक्षा कर सकते हैं.

गोमूत्र से असाध्य रोग हो सकते हैं ठीक

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश समीर विनोद चंद्र व्यास ने राज्य बनाम मोहम्मद अमीन अंजुम मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि गोमूत्र पीने से कई असाध्य रोग भी ठीक हो सकते हैं. इस दौरान न्यायधीश ने संस्कृत के एक श्लोक को उद्धृत करते हुए कहा कि गाय के विलुप्त होने से ब्रह्मांड का अस्तित्व भी समाप्त हो जाएगा.

अपनी बात में वह आगे कहते हैं कि वेद की छह शाखाओं की उत्पत्ति गायों के कारण हुई है. यहां तक की त्रिदेव का संबंध भी गाय से है और गाय से ही धर्म का जन्म होता है.

जैविक खेती को बताया महत्वपूर्ण

गाय के गोबर की महत्ता बताते हुए जज साहब ने कहा कि आज के समय में रासायनिक खाद आधारित खेती के स्थान पर जैविक खेती लोकप्रिय हो रही है. जैविक खेती गाय के गोबर से ही की जा सकती है. इस बात को बताते हुए उन्होंने आगे कहा कि जैविक रूप से उगाई जाने वाली फसलें मनुष्य को कई तरह की बीमारियों से भी बचाती हैं.

मवेशियों के वध को बताया दर्दनाक

जज साहब ने आगे कहा कि वर्तमान समय में गायों की बहुत आवश्यकता है. यह काफी दर्दनाक है कि पशुओं को अवैध रूप से ले जाया जाता है और उनका वध किया जाता है. गायों पर बर्बरता के बारे में उन्होंने कहा कि इनको इलेक्ट्रिक मशीनों का उपयोग करके काटा जाता है. गाय खतरे में हैं, मांसाहारी गाय का मांस खा रहे हैं.

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गाय सबसे पवित्र

जज साहब ने दो श्लोक के जरिये इस बात को बताया कि जहां कहीं भी गायें सुखी रहती हैं वहां, धन और संपत्ति की प्राप्ति होती है. वहीं इनके दुखी रहने पर धन और संपत्ति का नुकसान होता है. उन्होंने कहा कि गाय में करोड़ों पवित्र स्थानों का वास है. लोग गोरक्षा और गो पालन को लेकर बहुत सारी बातें करते हैं, लेकिन उसे अमल में नहीं लाते. केस में अपना फैसला सुनाते हुए उन्होंने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.



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