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Chandrayaan-3 के लैंडिंग से पहले कैसा है ISRO के कंट्रोल रूम का माहौल, एस सोमनाथ ने दी पूरी जानकारी

ISRO के मिशन चंद्रयान 3 को अब अपनी मंजिल तक पहुंचने में कुछ ही समय बचा हुआ है. ऐसे में पूरे देश और वैज्ञानिकों की निगाहें अब इस ओर टिकी हुई हैं. समय के साथ-साथ लोगों की उत्सुकता भी बढ़ती जा रही है. वहीं इसरो (ISRO) के कंट्रोल रूम में वैज्ञानिक इस पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं. 23 अगस्त को शाम 6 बजकर 6 मिनट पर यह चांद के दक्षिण छोर पर अपना पहला कदम रखेगा. यह वही छोर है जहां अभी कोई भी नहीं पहुंच पाया है. अगर चंद्रयान-3 अपने मिशन में कामयाब होता है तो भारत ऐसा करने वाला पहला देश बन जाएगा. वहीं इसरो चेयरमैन एस सोमनाथ ने आज यानी की मंगलवार को इसकी सफल लैडिंग पर पूरा भरोसा जताया है.

लैंडिग से एक दिन पहले एस सोमनाथ ने एक अंग्रेजी अखबार से बात करते हुए बताया कि, “हम आश्वस्त हैं, क्योंकि अब तक सब कुछ ठीक रहा है और इस मोड़ तक कुछ भी अप्रत्याशित नहीं हुआ है. हमने सभी तैयारियां कर ली हैं और इस चरण तक सभी प्रणालियों ने हमारी जरुरत के अनुरूप प्रदर्शन किया है.”

ISRO के कंट्रोल रूम में चल रही तैयारी

जैसे-जैसे चंद्रयान 3 अपने मिशन की ओर बढ़ रहा है वैसे-वैसे इसरो के कंट्रोल रूम का माहौल उत्सुकता से भरता जा रहा है. हालांकि स्पेस एजेंसी के वैज्ञानिक सफल लैंडिंग को लेकर सभी नियमित जांच और कैलकुलेशन कर रहा है. इसरो के चीफ ने बताया है कि अब हम कई सिमुलेशन, वेरिफिकेश और सिस्टम के डबल वेरिफिकेशन के साथ लैंडिंग की तैयारी कर रहे हैं और उपकरणों के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है.

यह भी पढ़ें-  Chandrayaan 3 Landing: लैंडिंग के लिए सेफ जगह खोज रहा चंद्रयान-3 का लैंडर विक्रम, चंद्रमा पर बड़े पत्थर और गड्ढे खड़ी कर रहे चुनौतियां

इसरो ने मंगलवार को मिशन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि, “मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स’ में ऊर्जा और उत्साह का माहौल है. चंद्रयान-3 मिशन निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आगे बढ़ रहा है. प्रणालियों की नियमित जांच हो रही है, सुचारू संचालन जारी है. इसरो ने कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी ने आगे कहा कि यहां ‘इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क’ (ISTRAC) में स्थित ‘मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स’ में उत्साह का माहौल है.

5 बजकर 20 मिनट पर सीधा प्रसारण

ISRO ने बताया है कि ISTRAC से चंद्रयान-3 के चंद्रमा की सतह पर उतरने का सीधा प्रसारण बुधवार शाम पांच बजकर 20 मिनट से शुरू किया जाएगा. लैंडर (विक्रम) और रोवर से युक्त लैंडर मॉड्यूल के बुधवार को शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा की सतह के दक्षिण ध्रुवी क्षेत्र के निकट उतरने की उम्मीद है.

– भारत एक्सप्रेस

 

Rahul Singh

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