सोनिया गांधी (फोटो-सोशल मीडिया)
इजरायल-हमास के बीच छिड़ी जंग को 3 हफ्तों से ज्यादा का समय हो चुका है. इस दौरान हजारों लोगों की मौत हो चुकी है और लाखों लोग बेघर हो गए हैं. इसी बीच कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक लेख लिखा है. जिसमें उन्होंने कहा है कि एक सभ्य दुनिया में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है. उन्होंने इस लेख में ये भी कहा है कि इजरायल का टारगेट अब उस आबादी से बदला लेने का है, जो असहाय और निर्दोष है. दुनिया के सबसे शक्तिशाली सैन्य शस्त्रागारों में से एक की विनाशकारी ताकत बच्चे, बुजुर्ग, महिलाओं और पुरुषों पर लागू की जा रही है. इस हमले का हमास से दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं है.
“युद्ध की वजह से हजारों परिवारों का पूरी तरह से सफाया हो गया”
सोनिया गांधी ने अपने लेख में आगे लिखा है कि इस युद्ध की वजह से हजारों परिवारों का पूरी तरह से सफाया हो गया है. पूरे के पूरे शहर मलबे में तब्दील हो गए. इस मानवीय संकट का सामना करने में स्वास्थ्य सेवाएं फेल हो गई हैं. फिलिस्तीन के लोग खाना-पानी, कपड़े, बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं की किल्लत से जूझ रहे हैं. जो किसी सामूहिक सजा देने से कम नहीं है.
अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है- सोनिया गांधी
उन्होंने लिखा है कि बाहरी दुनिया के लोग जो मानवीय मदद करना चाहते हैं, उन्हें गाजा पट्टी से बाहर ही रोक दिया गया है. राहत सामग्री की जितनी जरूरत है, उसका एक हिस्सा या फिर उससे कुछ ज्यादा ही पहुंच पा रहा है. ये अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन के साथ ही अमानवीय और पीड़ादायक है.
“सामूहिक चेतना जगाने से पहले और कितनी मौतें?”
सोनिया गांधी आगे लिखती हैं कि मानवता अब परीक्षण पर है. इजरायल पर क्रूर हमलों से हम सामूहिक रूप से कमजोर हो गए थे. ठीक उसी तरह से अब इजरायल की तरफ से किए जा रहे जवाबी हमले से भी हम कमजोर पड़ गए हैं. हमारी सामूहिक चेतना को जगाने से पहले और कितनी मौतें होंगी. इजरायल हमास के कृत्य की तुलना फिलिस्तीनियों से करके बहुत बड़ी गलती कर रहा है.
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बता दें कि 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल की सीमा में घुसपैठ करके एक म्यूजिक फेस्टिवल पर हमला बोल दिया था. इस दौरान हमास ने सैकड़ों इजरायलियों को बंधक बना लिया था. हमास ने इजरायल पर ताबड़तोड़ 5 हजार रॉकेट बरसाए थे. जिसमें 1400 लोगों की मौत हो गई थी. इसी के बाद बेंजामिन नेतन्याहू ने युद्ध की घोषणा की थी.
-भारत एक्सप्रेस
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