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IIT और MBA के छात्र कर रहे खेती, कहा-कॉर्पोरेट जीवन में मानसिक शांति नहीं

MP: IIT और MBA के छात्रों द्वारा आधुनिक तकनीक का प्रयोग कर खेती की जा रही है. ऐसे छात्रों द्वारा खेती करना एक नई तरह की पहल है.

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IIT के छात्र शुभम चौहान

MP: IIT और MBA के छात्र जहां देश-विदेश में लाखों के पैकेज पर काम कर रहे हैं. वहीं ऐसे छात्रों द्वारा खेती करना एक नई तरह की पहल है. इनमें से कई छात्रों ने नौकरी छोड़ कर इंदौर में खेती का काम शुरू किया. इनके द्वारा आधुनिक तकनीक का प्रयोग कर खेती की जा रही है. इन्हीं छात्रों में से एक IIT के छात्र शुभम चौहान ने बताया, “पहले मैं नौकरी करता था मगर अब मैने खेती करना शुरू किया है. कॉर्पोरेट जीवन में मानसिक शांति नहीं थी इसलिए नौकरी छोड़ दी.”

 

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IIT और MBA के छात्र हो रहे खेती में सफल

ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है कि IIT और MBA करने के बाद कोई गांव में रहने की सोचता हो. अधिकतर छात्र चाहते हैं कि वे बड़ी कंपनी में काम करें विदेश जाएं. लेकिन तथागत उनसे काफी अलग निकले. तथागत ने IIT से पढ़ाई के बाद किसी भी कंपनी में नौकरी की कोशिश तक नहीं की. उन्होंने अपने नए भविष्य के लिए गांव का रुख किया. IIT बॉम्बे से पढ़ाई पूरी करने के बाद गांव जाकर सीधे ऑर्गेनिक खेती शुरू कर दिया. तथागत इसमें काफी सफल भी रहे. आज 3 साल की मेहनत करने के बाद वे 9 लाख रुपये सलाना कमा रहे हैं.

ईशान पसरिजा और दर्शन दोरस्वाममी किसानों को कर रहे प्रोत्साहित 

ईशान पसरिजा और दर्शन दोरस्वाममी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के दूर दराज इलाकों में किसानों को देशी प्रजाति के धान की खेती करने को प्रोत्साहित कर रहे हैं. आईआईटी दिल्ली से पढ़े ईशान धान की उन किस्मों को पुनर्जीवित करने का काम कर रहे हैं जिन्हें लगभग दो दशक से भुला दिया गया है. उनका कहना है कि देशज किस्म वाले धान को खाने वालों की सेहत तो सुधरती ही है साथ ही किसानों को भी लाभ मिलता है.

ईशान और दर्शन दोनों IIT और आईआईएम जैसे संस्थान से निकलने के बाद अच्छी खासी नौकरी कर रहे थे, लेकिन  किसानों की जिंदगी बदलने का जुनून उन्हें खींचकर मध्य प्रदेश ले आया. आईआईएम काशीपुर से पढ़कर निकलने वाले दर्शन भी अब एक किसान बन चुके हैं.



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