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IIT Kanpur से रिलायंस लाइफ साइंसेज को मिला जीन थेरेपी टेक्नोलॉजी लाइसेंस

आईआईटी कानपुर और रिलायंस लाइफ साइंसेज के बीच प्रौद्योगिकी लाइसेंसिंग समझौते पर औपचारिक रूप से आज एक समारोह के दौरान हस्ताक्षर किए गए.

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जीन थेरेपी

IIT Kanpur: रिलायंस लाइफ साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (IIT Kanpur) से जीन थेरेपी पद्धति के लिए लाइसेंस मिला है जिसमें कई तरह की आंखों की बीमारियों का इलाज करने की क्षमता है.

कई वंशानुगत रोग हैं दोषपूर्ण जीन के कारण होता है. ‘जीन थेरेपी’ जीन को बदलने का एक तरीका है जिससे ऐसे विकारों के इलाज के लिए जीन के एक्टिव वर्जन से इसे बदला जाता है. यह पहली बार है जब जीन थेरेपी से संबंधित तकनीक शैक्षणिक संस्थान से विकसित और स्थानांतरित की गई है और भारत में एक कंपनी को दी गई है. रिलायंस लाइफ साइंसेज आईआईटी कानपुर से जीन थेरेपी तकनीक को एक देशी उत्पाद के रूप में विकसित करेगा.

आईआईटी कानपुर और रिलायंस लाइफ साइंसेज के बीच प्रौद्योगिकी लाइसेंसिंग समझौते पर औपचारिक रूप से आज एक समारोह के दौरान हस्ताक्षर किए गए. इस मौके पर प्रो अभय करंदीकर (निदेशक, आईआईटी कानपुर), और के.वी. सुब्रमण्यम (लाइसेंसधारी और रिलायंस लाइफ साइंसेज के अध्यक्ष) मौजूद रहे.

इसके अतिरिक्त इस अवसर पर उपस्थित अन्य लोगों में प्रो. अंकुश शर्मा (पीआईसी, इनोवेशन एंड इन्क्यूबेशन), प्रो अमिताभ बंद्योपाध्याय (हेड, बीएसबीई विभाग), आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर जयधरन गिरिधर राव (बीएसबीई विभाग), डॉ वेंकट रमना (सीएसओ) और प्रवीण शर्मा (महाप्रबंधक), रिलायंस लाइफ साइंसेज भी मौजूद रहे.

आईआईटी कानपुर के बायोलॉजिकल साइंसेज एंड बायोइंजीनियरिंग विभाग के जयंधरन गिरिधर राव और शुभम मौर्या ने एक जीव के जीन में बदलाव करके आनुवंशिक बीमारी का इलाज करने के लिए पेटेंट तकनीक विकसित की है.

-भारत एक्सप्रेस



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