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UP Flood: बाढ़ में डूबे हरदोई के कई गांव, SDRF व NDRF ने संभाला मोर्चा

जानकारी के मुताबिक, गंगा में अलग-अलग बैराजों से करीब साढ़े चार लाख क्यूसेक पानी और छोड़ा गया है.

बाढ़ से परेशान लोग और राहत कार्य जारी है

-देवेंद्र सिंह

UP Flood : बाढ़ से उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हाहाकार मचा हुआ है. हरदोई जिले से खबर सामने आ रही है कि यहां पर बारिश के बाद नरौरा, बिजनौर व हरिद्वार गंगा बैराजों से भारी मात्रा में पानी छोड़ा गया. करीब साढ़े चार लाख क्यूसेक पानी ने नदियों की स्थिति भयावह कर दी है, जिससे नदियों के आस-पास बसने वाले गांवों में कोहराम मच गया है. कोई गृहस्थी लेकर यहां से भागने को मजबूर है तो किसी का सबकुछ पानी में डूब चुका है. खाने को दाना तक नहीं बचा है. मौके पर NDRF और SDRF ने मोर्चा संभाल रखा है और लोगों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं.

जानकारी के मुताबिक, सवायजपुर व बिलग्राम क्षेत्र में गंगा, रामगंगा नदियों में बाढ़ आने से सवायजपुर तहसील क्षेत्र के करीब 35 राजस्व गांवो के 105 मजरे प्रभावित हुए हैं. कुछ तो पानी से घिर गए हैं और कुछ पानी में डूब गए हैं, जो मजरे पानी से घिरे हुए हैं, वहां के लोग करीब 10 दिन से मवेशियों के साथ घरों में कैद होने को मजबूर हैं, जिससे लोगों के साथ ही मवेशी भी भूख प्यास से बिलख रहे हैं.

ऐसे में राज्य आपदा मोचन बल लखनऊ (एसडीआरएफ) तथा एनडीआरफ ने मोर्चा संभाल रखा है और राहत कार्य जारी है. बता दें कि बिलग्राम और सवायजपुर तहसील के बाढ़ग्रस्त इलाकों में आपात स्थिति से निपटने के लिए जो टीमें लगाई गई हैं, उनमें से एसडीआरएफ टीम लीडर मेजर अभिनव सिंह ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि उनकी यूनिट में 16 जवान हैं जिसके साथ तीन स्टीमर व तीन नावे हैं और सभी से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. वहीं एनडीआरफ की टीम का नेतृत्व कर रहे निरीक्षक दीपक कुमार कमालिया बताते हैं कि 20 जवानों की यूनिट के साथ वह चार मोटर वोट के अलावा रेस्क्यू की सामग्री के साथ राहत कार्य चला रहे हैं. उनके साथ नायब तहसीलदार राजेश कुमार सिंह भी टीम का हिस्सा हैं और राहत बचाव कार्य की टीम के साथ बाढ़ प्रभावित इलाकों में रवाना हुए हैं.

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ये गांव हैं प्रभावित

ग्रामीण रानी, रुक मंगल, जय राम, विजेंद्र आदि बताते हैं कि, गांव में बाढ़ का कहर लगातार जारी है. वहीं सवायजपुर तहसील क्षेत्र के धनियामऊ, ढकपुरा, नदुवापुर नरौथा,मलिकापुर,मस्तापुर, सरेसर, डिडवन, सुरजनापुर, बेहथर, परचौली, उमरौली जैतपुर,बरहुली, मोहद्दीनपुर,भटौली माफी,मंसूरपुर,गोरिया, कुचिला,तेरा पुरसौली, अरवल, चंद्रमपुर,नंदना, नोनखारा, बमरौली, आलमपुर,अर्जुनपुर, दहेलिया, नगरिया कट, कुढा भवानीपुर, कटरी, बारामऊ, भोजपुरी बहता लखी मोर्चा बरान समेत करीब 34 राजस्व गांवो के 105 मजरे बाढ़ से बुरी तरह से बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं और लोग तमाम मुसीबतों का सामना कर रहे हैं.

मवेशियों के साथ लोग कर रहे हैं पलायन

बाढ़ प्रभावित गांवों के लोग मवेशियों के साथ पलायन करने को मजबूर हैं. हालांकि, प्रशासन सभी प्रभावित लोगों तक राहत सामग्री पहुंचा रही है. एडीएम हरदोई प्रियंका सिंह ने मीडिया को बताया कि जनपद में दो तहसील बिलग्राम और सवायजपुर आंशिक रूप से बाढ़ से प्रभावित हैं. उन्होंने बताया कि राहत आयुक्त के निर्देश पर प्रभावित व्यक्तियों को राहत सामग्री बांट लगातार बांटी जा रही है. लोगों को मेडिकल किट भी वितरित किए जा रहे हैं. पशुओं के लिए विस्थापन की व्यवस्था भी करवा दी गई है और पशुओं को भी चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है. उन्होंने जानकारी दी कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में स्वास्थ्य विभाग के साथ ही पशुपालन विभाग सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी और कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है और लगातार राहत कार्य जारी है.

छोड़ा गया है इतना पानी

जानकारी के मुताबिक, गंगा में अलग-अलग बैराजों से करीब साढ़े चार लाख क्यूसेक पानी और छोड़ा गया है. इस वजह से दो इलाके पहले से ही बाढ़ से प्रभावित थे, उनकी स्थिति और भी खराब हो गई है. गुरुवार (24 अगस्त) को गंगा नदी में नरौरा बैराज से 126978, बिजनौर बैराज से 160894, हरिद्वार बैराज से 156422 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. इसके बाद से गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 30 सेंटीमीटर ऊपर 137.40 पर है.

-भारत एक्सप्रेस

 

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