भिखारियों के नाम पर भरे गए 400 करोड़ के टैक्स
बेंगलुरु – देश में भिखारियों की एक बड़ी संख्या मौजूद है यह हमें सड़कों, फुटपाथों समेत कई सारे सार्वजनिक जगहों पर भीख मांगते देखे जाते है. लेकिन इन भिखारियों से जुड़ी एक ऐसी खबर सामने आई है जिसको जानने के बाद आप चौक जाएंगे. आते-जाते राहगीरों से सड़क पर भीख मांग रहे भिखारियों के नाम पर बेंगलुरु के लोगों ने 400 करोड़ रुपये का टैक्स का भरा है. सुनकर हो गए ना आप भी हैरान. अब पूरा मामला जानिए कि आखिर क्यों बेंगलुरु के लोगों को इतनी बड़ी रकम टैक्स के रुप में जमा करनी पड़ी.
दरअसल अप्रैल 2017 और मार्च 2022 के बीच ब्रुहट बेंगलुरु महानगर पालिका सहित कई शहरी स्थानीय निकायों के नागरिकों ने भिखारी के रूप में 404.5 करोड़ रुपये का भुगतान किया है. इस भुगतान में बीबीएमपी लिमिट के प्रॉपर्टी के मालिक ने सबसे ज्यादा 282.5 करोड़ रुपये का टैक्स जमा किया था. अगर पूरे एन्यूल रिपोर्ट के आधार पर देखा जाए तो भिखारी के रुप में सबसे ज्यादा पैसों का भुगतान साल 2020 से 2021 के बीच किया गया था. जिसकी भुगतान राशी 89. 6 करोड़ रुपये थी. इसके अगले साल यानि 2022 में भिखारी के रुप में जमा टैक्स के रूपये 88 करोड़ थे.
कर्नाटक में है सबसे ज्यादा भिखारी
एक रिपोर्ट के अनुसार कर्नाटक में सबसे ज्यादा भिखारी है. यहां का एक भी शहर ऐसा नहीं है जंहा भिखारियों की बड़ी संख्या ना हो. सरकार नागरिकों से उपकर वसूलती रहती है. गौर करने वाली बात यह है कि ज्यादातर लोगो को तो यह पता तक नहीं है कि वो भिखारियों के रुप में इस तरह का कोई टैक्स देते है. बता दें कि उपकर राशि एकत्र करने वाले नगर निकायों को अपने खर्च के लिए पैसों का सिर्फ 10 फीसदी रखने की अनुमति है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बाकी की जमा राशी को सामाजिक कल्याण विभाग के तहत केंद्रीय रिलीफ समिति (CRC) को भेजा जाती है. इसके अलावा यह जमा राशि बेघर, बेसाहारा लोगों के साथ-साथ भीख मांगकर अपना जीवन यापन कर रहे भिखारियों को घर, राशन और जरुरी मदद देने के लिए दे दी जाती है.
भीख को रोकने के लिए बना है कानून
बता दें भीख मांगने के कार्य को रोकने के लिेए कानूनी नियम भी बनाया गया है. कर्नाटक भिखारी निषेध अधिनियम, 1975 को भीख मांगने और इसमें शामिल किसी भी व्यक्ति को प्रतिबंधित करने के लिए अधिनियमित किया गया है. इस कानून के तहत अगर कोई भीख मांगता है तो उसे गिरफ्तार किया जाएगा कानूनी प्रकिया पूरी होने के बाद निराश्रीथरा परिहार केंद्रों में रखा जाएगा.
-भारत एक्सप्रेस
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