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Pakistan जाएंगे केंद्रीय विदेश मंत्री S. Jaishankar, जानें क्या है वजह

बीते दिनों एक कार्यक्रम के दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा था कि पाकिस्तान के साथ बातचीत का युग समाप्त हो चुका है. जहां तक जम्मू-कश्मीर का सवाल है, तो अनुच्छेद 370 खत्म हो चुका है.

एस. जयशंकर.

विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S. Jaishankar) इस महीने पाकिस्तान (Pakistan) जाएंगे. वह आगामी शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation – SCO) की हेड्स ऑफ गवर्नमेंट (CHG) बैठक में शामिल होंगे. यह मीटिंग 15-16 अक्टूबर को राजधानी इस्लामाबाद (Islamabad) में आयोजित की जाएगी.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को नई दिल्ली में साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा, ‘विदेश मंत्री इस्लामाबाद में आयोजित होने वाले SCO शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए हमारे प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे.’ प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि विदेश मंत्री की पाकिस्तान यात्रा के दौरान किसी भी द्विपक्षीय बातचीत के बारे में कोई विवरण इस समय उपलब्ध नहीं है.

पीएम मोदी भी थे आमंत्रित

औपचारिक प्रक्रिया के तहत पाकिस्तान ने बीते अगस्त महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को इस बैठक के लिए आमंत्रित किया था. जयशंकर का बैठक में शामिल होना कोई हैरानी की बात नहीं है. SCO बैठक में राष्ट्राध्यक्षों के भाग लेने की जरूरत नहीं होती है. पहले भी भारत के मंत्रिस्तरीय प्रतिनिधिमंडल इसमें भाग लेते रहे हैं. पिछले वर्ष पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी (Bilawal Bhutto Zardari) SCO विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए भारत आए थे.

भारत-पाक के तनावपूर्ण रिश्ते

पिछले कुछ वर्षों से भारत-पाकिस्तान के रिश्ते खासे तनावपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पिछले दिनों पाकिस्तान के साथ बातचीत की संभावनाओं को खारिज कर दिया है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक पुस्तक विमोचन समारोह में उन्होंने कहा था, ‘पाकिस्तान के साथ बातचीत का युग समाप्त हो चुका है. जहां तक जम्मू-कश्मीर का सवाल है, अनुच्छेद 370 खत्म हो चुका है.’

क्या है शंघाई सहयोग संगठन

शंघाई सहयोग संगठन की उत्पत्ति 1996 में गठित ‘Shanghai Five’ में निहित है, जिसमें चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान शामिल हैं. 1991 में यूएसएसआर के 15 स्वतंत्र देशों में विघटन के साथ इस क्षेत्र में चरमपंथी धार्मिक समूहों और जातीय तनावों के सामने आने की चिंताएं थीं. इन मुद्दों से निपटने के लिए सुरक्षा मामलों पर सहयोग के लिए एक समूह बनाया गया था.

इसके आधार पर 15 जून 2001 को शंघाई में एक अंतरराष्ट्रीय संगठन के रूप में SCO की स्थापना की गई और इसमें छठे सदस्य के रूप में उज्बेकिस्तान को भी शामिल किया गया. बेलारूस को शामिल करने से पहले इसके नौ सदस्य भारत, ईरान, कजाकिस्तान, चीन, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान थे.

(समाचार एजेंसी आईएएनएस से इनपुट के साथ)

-भारत एक्सप्रेस

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