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भारत, नेपाल बिजली क्षेत्र में सहयोग में प्रगति से संतुष्ट: विदेश मंत्रालय

प्रचंड ने प्रधानमंत्री मोदी को आश्वासन दिया कि भारत की सहायता प्राप्त सभी परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा करने में उनकी सरकार का पूरा समर्थन है.

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प्रधानमंत्री मोदी और नेपाली पीएम पुष्प कमल

नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल उर्फ ​​​​’प्रचंड’ का भारत दौरा दोनों देशों के संबंधों के लिहाज से बेहद ही अहम रहा. इस दौरान कई अहम परियोजनाओं पर चर्चा हुई. विदेश मंत्रालय (MEA) ने शुक्रवार को एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से नेपाल से भारत को बिजली के निर्यात की जानकारी देते हुए बताया कि नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल उर्फ ​​​​’प्रचंड’ और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी दोनों देशों द्वारा बिजली क्षेत्र में सहयोग की प्रगति से संतुष्ट हैं और उन्होंने दीर्घकालिक विद्युत व्यापार के लिए एक समझौते को भी अंतिम रूप दिया है जिसमें मात्रा बढ़ाने के लिए प्रयास करने पर सहमति बनी.

खास रहा नेपाल के पीएम का भारत दौरा

बता दें कि दिसंबर 2022 में पदभार ग्रहण करने के बाद नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ 31 मई से नई दिल्ली की चार दिवसीय यात्रा पर थे. पीएम मोदी के साथ अपनी बैठक के दौरान, दोनों नेताओं ने पारंपरिक गर्मजोशी और सौहार्द से चिह्नित व्यापक द्विपक्षीय चर्चा की. उन्होंने भारत और नेपाल के बीच राजनीतिक, आर्थिक, व्यापार, ऊर्जा, सुरक्षा और विकासात्मक सहयोग को शामिल करते हुए द्विपक्षीय एजेंडे के पूरे स्पेक्ट्रम की समीक्षा की. वहीं प्रधानमंत्री प्रचंड ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से भी मुलाकात की. इसके अलावा नेपाली प्रधानमंत्री के दिल्ली प्रवास के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने उनसे मुलाकात की.

जलविद्युत परियोजना की सराहना

दोनों नेताओं ने कोविड-19 महामारी के बाद सहित दोनों देशों के बीच उत्कृष्ट सहयोग का उल्लेख किया. दोनों देशों के बीच मजबूत आर्थिक और व्यापार साझेदारी पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने पारगमन की संशोधित संधि पर हस्ताक्षर करने का स्वागत किया, जो अन्य बातों के साथ-साथ भारत के अंतर्देशीय जलमार्गों तक पहुंच प्रदान करती है. अप्रैल 2022 के विद्युत क्षेत्र सहयोग पर संयुक्त विजन वक्तव्य को याद करते हुए, दोनों प्रधानमंत्रियों ने बिजली क्षेत्र में सहयोग में हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया, जिसमें उत्पादन परियोजनाओं, बिजली पारेषण, बुनियादी ढांचे और बिजली व्यापार का विकास शामिल है. विदेश मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार, दोनों प्रधानमंत्रियों ने नेपाल से भारत को 452 मेगावाट बिजली के निर्यात में वृद्धि और नेपाल में 900 मेगावाट की अरुण-3 जलविद्युत परियोजना के निर्माण में हुई प्रगति की सराहना की.

प्रचंड ने सहयोग का दिया आश्वासन 

दोनों प्रधानमंत्रियों ने विकास साझेदारी में सकारात्मक गति की सराहना की और चल रही प्रमुख परियोजनाओं के कार्यान्वयन की समीक्षा की. प्रचंड ने प्रधानमंत्री मोदी को आश्वासन दिया कि भारत की सहायता प्राप्त सभी परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा करने में उनकी सरकार का पूरा समर्थन है.

‘पड़ोसी पहले’ की नीति

विदेश मंत्रालय की विज्ञप्ति में कहा गया है कि, “नेपाल भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति के प्रमुख भागीदारों में से एक है. नेपाल के प्रधान मंत्री की भारत यात्रा दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय यात्राओं और आदान-प्रदान की परंपरा को जारी रखती है, दोनों के बीच सदियों पुराने संबंधों को मजबूत करती है.” यात्रा के दौरान हुई उत्पादक चर्चाओं ने दोनों देशों के बीच समझ को व्यापक बनाने और द्विपक्षीय एजेंडे की विस्तृत श्रृंखला पर परिप्रेक्ष्य में मदद की और गहरी साझेदारी को आगे ले जाने के लिए एक मजबूत दिशा दी.”

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किए गए महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर

ऊर्जा संपर्क पर, दोनों नेताओं ने सितंबर 2019 में उद्घाटन किए गए मोतिहारी-अमलेखगंज पेट्रोलियम पाइपलाइन के लाभों पर संतोष व्यक्त किया. इस सहयोग को और बढ़ाने के लिए, दोनों नेताओं ने चितवन में मोतिहारी-अमलेखगंज पाइपलाइन के दूसरे चरण की आधारशिला भी रखी. सिलीगुड़ी और झापा के बीच नई पाइपलाइन बिछाकर पेट्रोलियम आपूर्ति के बुनियादी ढांचे के निर्माण और अमलेखगंज से चितवन तक मौजूदा तेल पाइपलाइन का विस्तार करने के साथ-साथ चितवन और झापा में दो ग्रीनफील्ड टर्मिनलों के निर्माण के लिए एक समझौता ज्ञापन पर भी दौरे के दौरान हस्ताक्षर किए गए.



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