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New Parliament Building: नई संसद की गैलरी से जान सकेंगे स्वतंत्रता आंदोलन की कहानी, दूसरे फेज में ऐसा होगा आर्टवर्क

देश की नई संसद में 5 हजार से ज्यादा कालकृतियों को उकेरा गया है. इसकी इमारत में पहली मंजिल पर दो गैलरी होंगी, इनमें से एक गैलरी पर देश के विकास में महिलाओं के योगदान, तो दूसरी पर स्वतंत्रता के आंदोलनकारियों को दर्शाया जाएगा.

New Parliament

नया संसद भवन

New parliament Art Work: दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में मोदी सरकार ने नया संसद भवन बनवाया है. इस संसद भवन में 5 हजार से ज्यादा कलाकृतियों (आर्टवर्क) को उकेरा गया है. सदन के अगले फेज के आर्टवर्क की तैयारियां भी शुरू की जा रही हैं, जिसमें देश के स्वतंत्रता आंदोलन और भारत की परंपरा पर आधारित कलाकृतियां उकेरी जाएंगी.

रिपोर्ट के मुताबिक, नई संसद भवन में नए आर्टवर्क का डिजाइन और प्रस्ताव तैयार हैं, हालांकि उसके क्रियान्वयन में एक साल और लग सकता है. बताया जा रहा है कि अगले फेज में डाइनिंग हॉल को सजाने के लिए कलाकृति के अलावा लगभग 8 नई गैलरी बनाई जाएंगी, जो लोकसभा और राज्यसभा फोयर के बीच समान रूप से विभाजित हैं. द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, फेज 2 में संसद भवन की पहली मंजिल पर दो गैलरी होंगी, इनमें से एक गैलरी में देश के विकास में महिलाओं के योगदान और दूसरी गैलरी में स्वतंत्रता आंदोलन में आदिवासी नेताओं के योगदान को दर्शाया जाएगा.

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लोकसभा फोयर में आजादी की लड़ाई पर आधारित गैलरी
लोकसभा फोयर के ऊपरी फ्लोर पर 1857 से पहले की आजादी की लड़ाई पर आधारित गैलरी बनाई जाएगी. इसके अलावा दूसरी गैलरी 1857 से 1947 तक के तंत्रता संग्राम पर आधारित होगी. इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फोर आर्ट्स (IGNCA) के मेंबर-सेक्रेटरी सचिदानंद जोशी की ओर से इस बारे में जानकारी दी गई. सचिदानंद जोशी के मुताबिक, आईजीएनसीए संस्कृति मंत्रालय के तत्वावधान में इस परियोजना को क्रियान्वित करेगा.

राज्यसभा फोयर में होंगी 4 गैलरी
इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फोर आर्ट्स (IGNCA) के मेंबर-सेक्रेटरी ने कहा कि राज्यसभा फोयर में कुल 4 गैलरी बनाई जाएंगी, जिसमें से दो गैलरी अपर ग्राउंड फ्लोर पर बनेंगी और दो गैलरी फर्स्ट फ्लोर पर होंगी, जिन्हें भारतीय परंपराओं और प्रकृति एवं पारंपरिक खेलों से भारतीयों के कनेक्शन को दिखाया जाएगा. आईजीएनसीए के मेंबर-सेक्रेटरी जोशी ने कहा कि बाकी दीवारों पर श्लोक और अन्य पवित्र प्रतीकों को उकेरा जाएगा.

2022 में दिया गया था आर्टवर्क के फर्स्ट फेज का ठेका
आईजीएनसीए के मेंबर-सेक्रेटरी जोशी के मुताबिक, फरवरी, 2022 में उन्हें आर्टवर्क के फर्स्ट फेज का ठेका मिला था, जिसे उन्हें एक साल में पूरा करने के लिए कहा गया था. हाालंकि, उसमें काफी वक्‍त लग गया. वो बताते हैं कि उन्हें भारत के मूल विचारों को ध्यान में रखकर डिजाइन करने को कहा गया था और भारत की सभ्यता को नई संसद के डिजाइन में प्रदर्शित करने के लिए भी कहा गया था. जोशी के मुताबिक, उन्हें यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा गया था कि भारत के सभी क्षेत्रों और राज्यों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिले.

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