
India Water Strike: भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार बढ़ते तनाव के बीच अब पानी को लेकर कूटनीति ने एक नया रूप ले लिया है. जम्मू-कश्मीर में बारिश के चलते भारत ने चिनाब नदी पर स्थित सलाल डैम के कई गेट खोल दिए हैं. इससे नदी में जलस्तर तेजी से बढ़ा है, जिसका असर सीधे पाकिस्तान के पंजाब और सिंध क्षेत्रों पर पड़ रहा है. वहां बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है.
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारत की अब तक की जल नीति में बड़ा बदलाव है. अब भारत केवल प्रतिक्रिया नहीं दे रहा, बल्कि रणनीतिक दबाव भी बना रहा है. सिंधु जल संधि के तहत पहले पाकिस्तान को पानी छोड़े जाने की सूचना दी जाती थी, लेकिन अब जब भारत ने यह संधि निलंबित कर दी है, तो ऐसी कोई सूचना नहीं दी गई.
#WATCH | Jammu and Kashmir: Latest visuals from Reasi’s Salal Dam built on Chenab River; 3 gates of the dam are seen open.
(Visuals shot at 7.30 am) pic.twitter.com/D7trUZ4avi
— ANI (@ANI) May 9, 2025
पाकिस्तान में चिंता बढ़ी
पाकिस्तान के जल संसाधन अधिकारियों ने आशंका जताई है कि अगर पानी का बहाव इसी तरह जारी रहा, तो पंजाब और सिंधु बेल्ट में जनजीवन गंभीर रूप से प्रभावित हो सकता है. भारत की यह नीति अब ‘जल प्रहार’ के नाम से जानी जा रही है, जिसे विशेषज्ञ सीमा पर चल रहे तनाव के बीच एक सटीक दबाव रणनीति मान रहे हैं.
हाल ही में पाकिस्तान की ओर से जम्मू और पंजाब के कई इलाकों में ड्रोन और मिसाइल हमलों की कोशिशें की गईं, जिन्हें भारत की एडवांस S-400 एयर डिफेंस प्रणाली ने नाकाम कर दिया. आरएस पुरा, अरनिया, सांबा और पठानकोट जैसे इलाकों में हमले किए गए साथ ही राजौरी, पुंछ और कुपवाड़ा सेक्टर में भी गोलीबारी हुई.
भारत का जवाबी हमला
इसके बाद भारत ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के लाहौर, सियालकोट और इस्लामाबाद जैसे शहरों में बड़ी सैन्य कार्रवाई की. भारतीय हारोप ड्रोन ने लक्षित हमले किए, जिससे पाकिस्तान के कई क्षेत्रों में अफरातफरी मच गई.
सलाल और बगलिहार डैम से छोड़ा गया पानी
भारत ने 8 मई की रात को सैन्य जवाबी कार्रवाई के तुरंत बाद सुबह सलाल डैम के तीन गेट खोल दिए. इससे पहले यह डैम पूरी तरह बंद था और पाकिस्तान की ओर पानी का बहाव रोका गया था. सिंधु जल संधि को रद्द करने के बाद भारत अब जल नियंत्रण को अपने कूटनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है.
इसके साथ ही रामबन जिले में स्थित बगलिहार डैम का भी जलस्तर बढ़ने पर भारत ने इसका प्रवाह कभी भी रोकने और फिर से छोड़ने की नीति अपनाई है. अब यह पूरी तरह भारत के विवेक पर है कि वह कब और कितना पानी पाकिस्तान की ओर छोड़ता है.
पाकिस्तान के लिए मुश्किलें बढ़ीं
भारत की इस नई जल नीति के तहत पाकिस्तान को पूर्व जानकारी नहीं दी जा रही है. ऐसे में निचले इलाकों में पानी भरने की आशंका तेज हो गई है, जिससे आम जनता को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है. सिंधु जल संधि के रद्द हो जाने के बाद पाकिस्तान के पास कोई अधिकारिक आधार नहीं बचा जिससे वह भारत से सवाल पूछ सके.
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-भारत एक्सप्रेस
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