Bharat Express

भारत सरकार ने लिट्टे पर प्रतिबंध की अवधि पांच साल और बढ़ाई

गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि केंद्र सरकार की राय है कि लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) अभी भी उन गतिविधियों में लिप्त है, जो देश की अखंडता और सुरक्षा के लिए हानिकारक हैं.

Parliament of India

संसद भवन.

केंद्र सरकार ने लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) पर लगे प्रतिबंध को मंगलवार को पांच साल के लिए और बढ़ा दिया जो भारत की क्षेत्रीय अखंडता को खतरा पहुंचाने के अलावा लगातार लोगों के बीच अलगाववाद की प्रवृत्ति को बढ़ावा दे रहा है और अपने लिए भारत में, खासकर तमिलनाडु में समर्थन आधार बढ़ा रहा है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विधिविरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम, 1967 की धारा 3 की उपधाराओं (1) और (3) को लागू करते हुए प्रतिबंध लगाया.

लिट्टे अब भी ऐसी गतिविधियों में लिप्त

गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि लिट्टे श्रीलंका में अपनी गतिविधियां चला रहा एक संगठन है लेकिन इसके समर्थक, हमदर्द और एजेंट भारतीय क्षेत्र में हैं. केंद्र सरकार की राय है कि लिट्टे अब भी ऐसी गतिविधियों में लिप्त है जो देश की अखंडता और सुरक्षा के लिए नुकसानदेह हैं.

अधिसूचना में कहा गया है कि मई, 2009 में श्रीलंका में अपनी हार के बाद भी, लिट्टे ने ‘ईलम’ (तमिलों के लिए एक अलग देश) की अवधारणा को नहीं छोड़ा है और वह प्रचार गतिविधियों तथा धन उगाही के माध्यम से गुप्त रूप से ‘ईलम’ के लिए काम कर रहा है.

अधिसूचना में कुछ अन्य कारणों का हवाला देते हुए कहा गया है, ‘‘लिट्टे समर्थक समूह/तत्व जनता के बीच लगातार अलगाववादी प्रवृत्ति को बढ़ावा दे रहे हैं और भारत तथा विशेष रूप से तमिलनाडु में लिट्टे के लिए समर्थन आधार बढ़ा रहे हैं, जिसका अंततः भारत की क्षेत्रीय अखंडता पर एक मजबूत विघटनकारी प्रभाव होगा.’’

भारत विरोधी दुष्प्रचार फैलाना जारी

गृह मंत्रालय ने कहा कि सभी तमिलों के लिए एक अलग देश (तमिल ईलम) का संगठन का मकसद भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को खतरा पहुंचाने वाला है और यह भारतीय क्षेत्र के एक हिस्से को संघ से अलग करने के समान है और इस प्रकार यह गैरकानूनी गतिविधियों के दायरे में आता है.

उसने कहा कि विदेशों में रहने वाले लिट्टे समर्थकों ने लिट्टे की हार के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराते हुए तमिलों के बीच भारत विरोधी दुष्प्रचार फैलाना जारी रखा है और इसे अगर नहीं रोका गया तो तमिल जनता के बीच केंद्र सरकार और भारतीय संविधान के प्रति नफरत की भावना विकसित होने की आशंका है.

पाबंदी के बावजूद गतिविधियां संज्ञान में आईं

मंत्रालय ने कहा कि पाबंदी के बावजूद लिट्टे समर्थक संगठनों और लोगों की गतिविधियां संज्ञान में आई हैं और इन ताकतों द्वारा लिट्टे का समर्थन करने के प्रयास किए गए हैं. पांच साल पहले समूह पर पिछली बार लगे प्रतिबंध के बाद से लिट्टे, लिट्टे समर्थक समूहों या तत्वों के खिलाफ विधिविरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम 1967 के तहत मामले दर्ज किए गए हैं .

अखंडता और संप्रभुता के लिए हानिकारक

गृह मंत्रालय ने कहा कि लिट्टे की गतिविधियां भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के साथ-साथ सार्वजनिक व्यवस्था के लिए भी खतरा बनी हुई हैं और इसे एक गैरकानूनी संगठन घोषित किया जाना चाहिए. उसने कहा कि चूंकि लिट्टे अपनी विघटनकारी और अलगाववादी गतिविधियों को जारी रखे हुए है, जो भारत की अखंडता और संप्रभुता के लिए हानिकारक हैं और इसकी मजबूत भारत विरोधी भावनाएं भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रही हैं, इसलिए लिट्टे को तत्काल प्रभाव से गैरकानूनी घोषित करना आवश्यक है.

लिट्टे की स्थापना

लिट्टे की स्थापना 1976 में की गई थी. भारत ने 1991 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के बाद इस संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया था. तब से हर पांच साल में लिट्टे पर लगे प्रतिबंध को बढ़ाया जाता रहा है. लिट्टे के प्रमुख वेलुपिल्लई प्रभाकरन की हत्या के बाद इस संगठन को 2009 में श्रीलंका में सैन्य हार का सामना करना पड़ा था.

-भारत एक्सप्रेस



इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.

Also Read