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जानें कौन हैं Salima Tete? कड़ी मेहनत और जुनून से बदली तकदीर, अब PM Modi और न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री संग किया लंच

Salima Tete झारखंड के सिमडेगा से निकलकर भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान बनीं, जिनकी मेहनत और संघर्ष ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई. उनकी प्रेरणादायक यात्रा आदिवासी समुदाय के युवा खिलाड़ियों के लिए एक मिसाल है.

Salima Tete Indian hockey team captain

भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान सलीमा टेटे (Salima Tete) का सफर मेहनत और दृढ़ संकल्प की मिसाल है. झारखंड के सिमडेगा जिले से आने वाली सलीमा ने हाल ही में दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर मार्क लक्सन के साथ दोपहर का भोजन किया.

हॉकी सिमडेगा के अध्यक्ष मनोज कोंबेगी, जिन्होंने सलीमा को सिमडेगा सेंटर में ट्रेनिंग के लिए सुझाया था, उन्होंने कहा- “यह हमारे जिले के लिए गर्व का पल है.” सलीमा की कड़ी मेहनत और प्रतिभा को 2021 के टोक्यो ओलंपिक में पहचान मिली, जब भारतीय महिला हॉकी टीम पहली बार सेमीफाइनल तक पहुंची. हालांकि टीम ब्रॉन्ज मेडल नहीं जीत पाई, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने खुद टीम को फोन कर उनका हौसला बढ़ाया और खास तौर पर सलीमा की तारीफ करते हुए कहा, “और सलीमा का तो क्या कहना!”

संघर्ष भरा सफर

पूर्व मुख्य कोच स्जोएर्ड मरीन ने सलीमा को ‘फरारी’ नाम दिया था, लेकिन उनकी यात्रा आसान नहीं थी. सलीमा को अपने जिले के हॉकी ट्रेनिंग सेंटर में दाखिला लेने में दो साल लग गए. इस दौरान, वह खुद खाना बनाकर और अपने पिता द्वारा लाए गए राशन से गुजारा करती थीं. हर रविवार अकेले अभ्यास कर अपनी प्रतिभा साबित करने की कोशिश करती थीं.

बचपन से हॉकी का जुनून

सलीमा का जन्म 2001 में सिमडेगा के छोटे से गांव बदकिच्हापर में किसानों सुलक्षण और सुबानी टेटे के घर हुआ. उनकी हॉकी प्रतिभा आर.सी. मिडिल स्कूल, तुमडेगी में पढ़ाई के दौरान उभर कर सामने आई. जब मनोज कोंबेगी ने उन्हें स्थानीय लाथाखाम्हान हॉकी टूर्नामेंट में खेलते देखा, तो उन्होंने सलीमा को सिमडेगा के आवासीय हॉकी सेंटर में ट्रायल के लिए भेजने की सिफारिश की.

2013 में, आखिरकार सलीमा को एस.एस. गर्ल्स स्कूल, सिमडेगा में दाखिला मिला, जहां कोच प्रतिमा बरवा ने उनकी खेल शैली को निखारा. उनकी नेतृत्व क्षमता 2018 यूथ ओलंपिक (ब्यूनस आयर्स) में दिखी, जब उन्होंने भारतीय टीम की कप्तानी की और सिल्वर मेडल जिताया.

अंतरराष्ट्रीय पहचान और सफलता

2023 में, सलीमा ने रांची में हुई महिला एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में भारतीय टीम की कप्तानी की और अपने राज्य झारखंड में अंतरराष्ट्रीय हॉकी की चमक बिखेरी. आज, सलीमा टेटे उन सभी युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा हैं, खासकर आदिवासी समुदाय के बच्चों के लिए. उनका सफर यह साबित करता है कि अगर मेहनत और लगन हो, तो कोई भी सपना सच किया जा सकता है.

-भारत एक्सप्रेस 



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