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कश्मीर को ‘वन-स्टॉप डेस्टिनेशन’ बनाने पर जोर, नई फिल्म नीति लाने की कोशिश

पहले बहुत सारी फिल्मों की शूटिंग घाटी में होती थी लेकिन 1990 के दशक में आतंकवाद के कारण यह कम हो गया.

g20 summit

प्रतीकात्मक तस्वीर

श्रीनगर की डल झील भारतीय सिनेमा में रोमांटिक दृश्यों की गवाह रही है. शम्मी कपूर से लेकर शाहरुख खान तक, सभी को इसने आकर्षित किया है. जी-20 शेरपा अमिताभ कांत ने कहा, “लगभग 370 बॉलीवुड फिल्मों को कश्मीर घाटी में फिल्माया गया है और अब ओटीटी प्लेटफॉर्म के साथ यह संख्या तेजी से बढ़ेगी.”

उनके अनुसार, पर्यटन कार्यसमूह की बैठक यह सुनिश्चित करेगा कि विदेशों से अधिक फिल्म निर्माता घाटी आएं. वहीं बदलते समय और बदलते नजरिए का संकेत देते हुए एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि श्रीनगर में हड़ताल का आह्वान, जो कभी बाहरी ताकतों से प्रभावित एक सामान्य घटना थी, अब यहां के लोगों पर कोई प्रभाव नहीं डालती है.

सिंह ने निवेशकों की भावना पर सकारात्मक प्रभाव के बारे में आशावाद भी व्यक्त किया, यह आश्वासन दिया कि वे एक स्पष्ट संदेश के साथ घर लौटेंगे, जम्मू और कश्मीर के बारे में निहित स्वार्थो द्वारा प्रचारित झूठे आख्यान (नैरेटिव) में अब कोई दम नहीं है.

तीसरे जी20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की बैठक के मौके पर बात करते हुए सिंह ने लोगों की बदली हुई मानसिकता पर जोर दिया और इसके लिए पाकिस्तान से आने वाले हड़ताल के आह्वान की बढ़ती उपेक्षा को जिम्मेदार ठहराया.

पहले बहुत सारी फिल्मों की शूटिंग घाटी में होती थी लेकिन 1990 के दशक में आतंकवाद के कारण यह कम हो गया. लेकिन अब ऐसा लगता है कि पुराना समय फिर से लौट रहा है. सरकार इस वर्किंग ग्रुप की बैठक के जरिए एक नई फिल्म नीति लाने की कोशिश कर रही है.

-भारत एक्सप्रेस

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