मृतक की फाइल फोटो-मौके पर पुलिस बल (फोटो-सोशल मीडिया)
UP Police: उत्तर प्रदेश के महोबा जिले से बड़ी खबर सामने आ रही है. यहां दारोगा द्वारा अपमानित किए जाने के बाद आहत शिक्षक ने फांसी लगाकर जान दे दी है. घटना के बाद पुलिस विभाग में हड़कम्प मच गया तो वहीं गांव में मातम पसरा हुआ है. शिक्षक ने अपनी जीवन लीला समाप्त करने से पहले परिजनों को मैसेज भेजकर शराब ठेका संचालक और दारोगा पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था. तो वहीं घटना के बात परिजनों ने जमकर बवाल किया और दारोगा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है. तो वहीं घटना की जानकारी होने के तुरंत बाद ही एएसपी साहित चार थानों की पुलिस मौके पर पहुंची और दारोगा पर एक्शन लिए जाने का भरोसा दिलाया है. दूसरी ओर इस मामले में सियासत तेज हो गई है.सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इसको लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा है.
इस घटना को लेकर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने अधिकारिक एक्स अकाउंट पर योगी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि, “यूपी में अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस के जीरो हो जाने का परिणाम है महोबा की घटना. बता दें कि घटना महोबा के श्रीनगर कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत अतरारमाफ गांव से सामने आई है. बताया जा रहा है कि एक विद्यालय संचालक राजेंद्र प्रताप सिंह के घर में घुसकर कोतवाली में तैनात दारोगा देवेंद्र पांडेय ने अभद्रता की, जिससे परेशान होकर शिक्षक ने खेत में लगे बबूल के पेड़ पर फांसी लगा कर जान दे दी. मृतक के बड़े भाई ब्रजेंद्र ने घटना को लेकर बताया कि बीते दिन उसका छोटा भाई राजेंद्र बाइक से जा रहा था. तभी शराब ठेका संचालक करन राजपूत ने सरेआम लोगों के सामने उसे अपमानित कर दिया. इसी बात को लेकर दोनों के बीच विवाद हुआ, लेकिन किसी को नहीं पता था कि यह मामूली विवाद उसके भाई की मौत का कारण बन जाएगा. मृतक के भाई ने आरोप लगाया कि, शराब ठेका संचालक ने झूठी शिकायत कोतवाली के दारोगा से की थी और राजेंद्र पर मारपीट व लूट का आरोप लगाया था. इसी के बाद बिना छानबीन किए दारोगा देवेंद्र पांडेय राजेंद्र के घर में घुस गए थे और परिवार व समाज के लोगों के सामने उसे अपमानित किया और उसके साथ अभद्रता की थी. वह यह सब बर्दाश्त नहीं कर सका और फांसी लगाकर जान दे दी.
फांसी लगाने से पहले पत्नी को किया मैसेज
मृतक के भाई ने बताया कि, फांसी लगाने से पहले राजेंद्र ने अपनी पत्नी को मैसेज कर शराब ठेका संचालक करन राजपूत और दारोगा देवेंद्र पांडेय को दोषी बताया था और कहा था कि, वह अपमानित किए जाने के कारण ही फांसी लगा रहा है. तो वहीं जानकारी सामने आ रही है कि इस मामले में पुलिस पहले दारोगा और शराब ठेका संचालक पर कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं कर रही थी. इस पर परिजानों में हंगामा किया. तो सूचना पर एएसपी सत्यम सहित जिले के चार थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गई थी और फिर परिजनों की मांग पर दारोगा पर कार्यवाही का भरोसा दिलाया गया. तब जाकर मृतक के परिवार वाले शांत हुए. तो वहीं शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. इस प्रकरण में पुलिस अधीक्षक अपर्णा गुप्ता ने बताया कि दारोगा का नाम सामने आने पर तत्काल उसे लाइन हाजिर कर दिया गया है. उक्त मामले की जांच के निर्देश दे दिए गए हैं. जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी.
-भारत एक्सप्रेस
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