
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर कल्याण ट्रस्ट द्वारा “अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस जागरूकता राइड 2025” का भव्य आयोजन किया गया. दिल्ली और मुंबई की सड़कों पर 400 से अधिक बाइकर्स ने अपने बुलंद हौसले और जोश के साथ भाग लिया, जिनमें से 200+ महिला राइडर्स थीं. इस राइड का उद्देश्य महिला सशक्तिकरण, लैंगिक समानता और सामाजिक जागरूकता को बढ़ावा देना था.
इस विशेष राइड की शुरुआत दिल्ली के उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम के चार ज़ोन और मुंबई के नवी मुंबई (NMMC) से हुई, जो दिल्ली में YWCA और मुंबई में कर्जत में समाप्त हुई. इस आयोजन ने एकता, हिम्मत और बदलाव का संदेश दिया.
इस राइड में सोशल एक्टिविस्ट्स, इंफ्लुएंसर्स और बाइकिंग कम्युनिटी के सदस्यों ने भाग लिया और महिला स्वास्थ्य एवं कल्याण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में महिलाओं की भागीदारी, कानूनी अधिकारों की जागरूकता एवं सड़क सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की.
राइड में उठी महिलाओं की सेहत और सशक्तिकरण की आवाज
डॉ. अपराजिता मल्ल (वरिष्ठ चिकित्सक, मेडांटा अस्पताल, गुरुग्राम) ने कहा:
“स्वस्थ महिला ही सशक्त समाज की आधारशिला है. जब महिलाएं अपनी सेहत को प्राथमिकता देती हैं, तो वे न केवल खुद को बल्कि अपने परिवार और कार्यस्थल को भी मजबूत बनाती हैं. हमें आत्म-देखभाल, नियमित हेल्थ चेकअप और मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने की जरूरत है.”
राइड के हर मोड़ पर दिखा बदलाव का जोश
विंग कमांडर गांधी (सेवानिवृत्त) ने कहा:
“सशक्तिकरण जागरूकता से शुरू होता है. आज हम न केवल सड़क पर बाइक चला रहे हैं, बल्कि समाज की मानसिकता को भी बदलने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. हमें रूढ़ियों को तोड़कर महिलाओं को बराबरी का अवसर देना होगा.”
समाजसेवी कदंबरी कौशिक ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा:
“यह राइड उन सभी साहसी महिलाओं को समर्पित है, जो चुनौतियों से लड़कर आगे बढ़ी हैं. जब हम एक-दूसरे का सहयोग करते हैं, तो समानता केवल एक सपना नहीं, बल्कि हकीकत बनती है.”
बाइक्स की गूंज में गूंजा सशक्तिकरण का संदेश
मोटोक्रोस ट्रेनर महक दीक्षित ने कहा:
“इस राइड का हर मोड़ महिलाओं की ताकत और जज्बे का प्रतीक है. हम सिर्फ बाइक नहीं चला रहे, बल्कि उस बदलाव की ओर बढ़ रहे हैं, जहां महिला सशक्तिकरण सिर्फ एक विचार नहीं बल्कि एक वास्तविकता होगी.”
इंडिपेंडेंट राइडर्स ग्रुप की संस्थापक, रीत मेंदीरत्ता ने कहा:
“इस राइड में महिलाओं की जबरदस्त भागीदारी इस बात का संकेत है कि अब महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ने को तैयार हैं. हमें इस बदलाव को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में काम करना होगा.”
आयरन हॉर्सेस की सदस्य, देवी बनर्जी ने इस राइड को महिलाओं की स्वतंत्रता का प्रतीक बताते हुए कहा:
“यह राइड केवल महिलाओं के जश्न के लिए नहीं, बल्कि उनके अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए है. हमें ऐसा समाज बनाना होगा, जहां हर महिला को खुलकर जीने, नेतृत्व करने और प्रेरित करने का अवसर मिले.”
सामूहिक प्रयासों से बदलेगी तस्वीर
बेफिक्रे राइडर्स की सुषमा खंडूजा ने कहा:
“सशक्तिकरण की राह एकता से बनती है. यह राइड इस बात का प्रमाण है कि जब महिलाएं एकजुट होती हैं, तो पूरा समाज प्रगति की ओर बढ़ता है. जब महिलाएं आगे बढ़ती हैं, तो पूरा समुदाय और समाज समृद्ध होता है.”
कल्याण ट्रस्ट ने बढ़ाया आभार
कल्याण ट्रस्ट ने इस राइड के सभी प्रतिभागियों, सहयोगियों और समर्थकों का आभार व्यक्त किया और वादा किया कि वह भविष्य में भी इस तरह के सामाजिक बदलाव लाने वाले आयोजनों को जारी रखेगा.
-भारत एक्सप्रेस
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