कोर्ट की शरण में पहुंचा इरफान सोलंकी
उत्तरप्रदेश में कानपुर से सपा विधायक इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी पर पुलिस अपनी पकड़ मजबूत करती जा रही है. कानपुर पुलिस ने इरफान सोलंकी और उनके भाई के खिलाफ गैर जमानती वांरट जारी किया है. काफी भाग-दौड़ के बाद इन दोनों ने अब कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. सपा विधायक इरफान और रिजवान की ओर से बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेश चंद्र त्रिपाठी ने कोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की है और ये सुनवाई जिला जज संदीप जैन की अदालत में होगी. इस मामले पर कोर्ट अब 25 नवंबर को सुनवाई करेगा. वहीं पुलिस अभी तक इन दोनों को पकड़ने के लिए दबिश दे रही है.
क्या है मामला ?
बता दें कि इरफान और रिजवान सोलंकी पर जाजमऊ डिफेंस कॉलोनी स्थित एक प्लॉट पर आगजनी करने और धमकाने का आरोप लगा है. इस डिफेंस कॉलोनी में बेबी नाज(महिला) का प्लॉट है. इससे पहले ये प्लॉट नाज के पिता के नाम था. पिता के निधन के बाद से ही बेबी नाज अपना प्लॉट पर कब्जा बता रही हैं. बेबी का परिवार प्लॉट में झोपड़ी और छप्पर डालकर रहता है. बेबी ने आरोप लगाया था कि,”सपा विधायक और उनके भाई प्लाट पर कब्जा करना चाहते थे”. बीते 7 नवंबर को नाज अपने परिवार के साथ शादी में गई थीं. तभी विधायक इरफान और उनके भाई ने झोपड़ी में आग लगा दी. जिसके बाद से ये दोनों फरार चल रहे हैं और पुलिस इनकी तलाश कर रही है.
बचाव पक्ष ने तर्क किया दिए थे
इरफान सोलंकी ने याचिका में तर्क दिए है कि प्लॉट पर झोपड़ी में आग आतिशबाजी करने की वजह से लगी थी. जिसके सीसीटीवी फुटेज के सबूत भी है. इसके साथ ही याचिका के साथ सीसीटीवी फुटेज के सीडी भी शामिल की गई है. उन्होने याचिका में लिखा है कि घटना के समय वो और उनका रिजवान सोलंकी घटना स्थल पर नहीं थे. दोनों की कॉल डिटेल और लोकेशन की जांच भी कराई जा सकती है. वहीं इन दोनों का ये भी कहना है कि जब बेबी परिवाक के साथ शादी में गई तो उन्हे कौसे पता कि आग हमने लगाई थी.