Israel Hamas War: इजरायल हमास के बीच चल रहे युद्ध की वजह से कई देशों में लोगों के पक्ष-विपक्ष में नारे लगाने एवं आपसी सौहार्द बिगड़ने को देखते हुए हाईकोर्ट ने 29 अक्टूबर को रामलीला मैदान में अखिल भारतीय मुस्लिम महापंचायत आयोजित करने की अनुमति नहीं देने के दिल्ली पुलिस के आदेश को बरकरार रखा है. पुलिस ने महापंचायत के सांप्रदायिक होने की आशंका को देखते हुए पहले से महापंचायत करने की दी गई अनुमति को रद्द कर दिया था. कोर्ट ने कहा कि रद्द किए जाने को मनमाना नहीं कहा जा सकता है.
न्यायमूर्ति ने यह कहते हुए रामलीला मैदान में महापंचायत करने की अनुमति मांगने वाले संस्था मिशन सेव कांस्टिय़ूशन की याचिका खारिज कर दी. इस संस्था की स्थापना अधिवक्ता महमूद प्राचा ने की है. उनका दावा है कि यह संस्था आम लोग खासकर दलित वगरे के बीच उनके संवैधानिक अधिकारों को लेकर जागरूक करता है. न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने संस्था की याचिका खारिज करते हुए कहा कि हिन्दुओं का पितृपक्ष के बाद दिवाली तक बेहद शुभ होता है, लेकिन सस्था के पोस्टर से पता चलता है कि इस कार्यक्रम में सांप्रदायिक और धार्मिंक रंग हो सकते हैं। इस दशा में उसे 29 अक्टूबर को महापंचायत देने की अनुमति नहीं दिया जा सकता है। क्योंकि उस दौरान कई त्योहार मनाए जाने हैं.
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न्यायमूर्ति ने यह भी कहा कि पोस्टर के सांप्रदायिक रंग होने के नाते कार्यक्रम आयोजित होने से पुरानी दिल्ली इलाके में सांप्रदायिक सदभाव बिगड़ सकता है. उस इलाके में पहले भी सांप्रदायिक तनाव होते रहे हैं. इस दशा में इलाके के एसएचओ की दंगा होने की आशंका को खारिज नहीं किया जा सकता है. वैसे सभी को अपनी बात कहने की आजादी है, लेकिन सांप्रदायिक तनाव की आशंका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.
कोर्ट ने हालांकि कहा कि त्योहारी सीजन समाप्त होने के बाद संस्था अपना कार्यक्रम आयोजित करने को लेकर आवेदन दे सकता है। पुलिस भी इसपर नए सिरे से विचार कर सकता है। बशत्रे संस्था वक्ताओं की सूची प्रदान करे और यह वचन दे कि कार्यक्रम से कोई सांप्रदायिक तनाव नहीं होगा.
-भारत एक्सप्रेस
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