Bharat Express

ISRO आज ‘नॉटी ब्वॉय’ रॉकेट को करेगा लॉन्च, मौसम और आपदाओं से जुड़ी सटीक जानकारी देगा INSAT-3DS

ISRO Launch INSAT-3DS: भारत में लगातार बदल रहे मौसम के मिजाज की सटीक जानकारी के लिए अब इसरो बेदर सैटेलाइट को लॉन्च करने जा रहा है.

isro

इसरो आज लॉन्च करेगा INSAT-3D सैटेलाइट

ISRO Launch INSAT-3DS: भारत में लगातार बदल रहे मौसम के मिजाज की सटीक जानकारी के लिए अब इसरो बेदर सैटेलाइट को लॉन्च करने जा रहा है. इसके लिए इसरो रॉकेट का इस्तेमाल करने वाला है. जिसे नॉटी ब्वॉय के तौर पर जाना जाता है. इस रॉकेट को जियोसिंक्रोनस लॉन्च व्हीकल के तौर पर जाना जाता है. इस रॉकेट को आज (17 फरवरी) लॉन्च किया जाएगा.

INSAT-3DS को लॉन्च किया जाएगा

GSLV रॉकेट के जरिए इसरो की मेट्रोलॉजिकल सैटेलाइट INSAT-3DS को लॉन्च किया जाएगा. अंतरिक्ष में मौजूद रहने वाली ये सैटेलाइट बदलते मौसम के अलावा आने वाली आपदाओं की सही जानकारी समय पर देगी.

यहां पर देख सकेंगे लॉन्चिंग

जीएसएलवी-एफ14 रॉकेट शनिवार (17 फरवरी) शाम 5.35 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा. लॉन्चिंग को इसरो के सोशल मीडिया हैंडल्स जैसे यूट्यूब, फेसबुक पर देखा जा सकेगा. इसके अलावा दूरदर्शन पर भी लॉन्चिंग देखी जा सकेगी.

GSLV रॉकेट का ये 16वां मिशन

इसरो ने जानकारी देते हुए बताया कि GSLV रॉकेट का ये 16वां मिशन है और स्वदेशी क्रायोजॉनिक इंजन का इस्तेमाल करते हुए 10वीं फ्लाइट है. GSLV रॉकेट को नॉबी ब्वॉय का नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि इसके फेल होने की जो दर है वो 40 फीसदी है. इस रॉकेट से लॉन्च किए 15 में से 4 लॉन्च फेल हो चुके हैं. GSLV के लॉन्च व्हीकल मार्क-3 रॉकेट को बाहुबली रॉकेट के नाम से भी जाना जाता है. इसने 7 मिशन को लॉन्च किया है, जिसमें सभी सफल रहे हैं. पीएसएलवी रॉकेट की सक्सेस रेट 95 फीसदी है. इसलिए जीएसएलवी रॉकेट की सफल लॉन्चिंग बहुत जरूरी है.

यह भी पढ़ें- Farmers Protest: किसानों के प्रदर्शन के बीच शंभू बॉर्डर पर तैनात सब इंस्पेक्टर की मौत, हाल ही में एक किसान ने तोड़ा था दम

INSAT-3DS सैटेलाइट पहले से ही अंतरिक्ष में मौजूद INSAT-3D (जिसे 2013 में लॉन्च किया गया) और INSAT-3DR (जिसे सितंबर 2016 में लॉन्च किया गया) की जगह लेगी. INSAT-3DS सैटेलाइट का वजन 2,274 किलोग्राम है और इसकी मिशन लाइफ 10 साल है. आसान भाषा में कहें तो ये सैटेलाइट 10 सालों तक इसरो को मौसम में होने वाले हर बदलाव की सटीक जानकारी देती रहेगी.

-भारत एक्सप्रेस

Bharat Express Live

Also Read

Latest