
प्रतीकात्मक फोटो.
Jaipur Bomb Blast Case: 2008 के जयपुर बम ब्लास्ट मामले में कोर्ट ने चारों आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. करीब 17 साल पहले हुए सीरियल बम ब्लास्ट के दौरान मिले जिंदा बमों के मामले में कोर्ट ने दो दिन पहले ही चारों को दोषी करार दिया था. कोर्ट ने इस मामले में 600 पन्नों का फैसला सुनाया है. वहीं सरकार की ओर से पूरे मामले में 112 सबूत, 1192 दस्तावेज, 102 आर्टिकल, 125 पन्नों की लिखित दलीलें पेश की गईं.
13 मई 2008 को जयपुर सिलसिलेवार धमाकों से दहल गया था. तब माणक चौक खंडा, चांदपोल गेट, बड़ी चौपड़, छोटी चौपड़, त्रिपोलिया गेट, जौहरी बाजार और सांगानेरी गेट पर एक के बाद एक बम विस्फोट हुए थे.
2008 में हुए थे सिलसिलेवार धमाके
13 मई 2008 को जयपुर में आठ सिलसिलेवार धमाके हुए थे और नौवां बम चांदपोल बाजार स्थित गेस्ट हाउस के पास मिला था, जिसे धमाके से महज 15 मिनट पहले ही निष्क्रिय कर दिया गया था. कोर्ट ने इस मामले में सरवर आजमी, मोहम्मद सैफ, सैफुर्रहमान और शाहबाज को दोषी पाया और आज उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई.
इससे पहले दिसंबर 2019 में निचली अदालत ने जयपुर धमाकों के मामले में सरवर आजमी, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सलमान और सैफुर्रहमान को फांसी की सजा सुनाई थी. वहीं, पांचवें आरोपी शाहबाज को संदेह के लाभ पर बरी कर दिया था. सजा पाने वाले चारों ने फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. तब हाईकोर्ट की खंडपीठ ने 29 मार्च 2023 को चारों को बरी कर दिया और शाहबाज हुसैन को बरी करने के फैसले पर भी मुहर लगा दी.
71 लोगों की हुई थी मौत
शाम को हुए धमाकों में 71 लोगों की मौत हो गई थी और 185 लोग घायल हो गए थे. रामचंद्र मंदिर के पास एक जिंदा बम बरामद किया गया, जिसे बम निरोधक दस्ते ने निष्क्रिय कर दिया.
-भारत एक्सप्रेस
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