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Jammu and Kashmir: धारा 370 हटने के बाद जम्मू और कश्मीर में आया बड़ा बदलाव, प्राकृतिक सुंदरता अब विकास की खबरें बनती हैं

Jammu and Kashmir: श्रीनगर में हाल ही में आयोजित जी20 बैठक का अंतरराष्ट्रीय मीडिया द्वारा व्यापक प्रचार किया गया, जिसमें कश्मीर में स्थिरता और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए भारत के प्रयासों को उजागर किया.

Kashmir Boat

जम्मू और कश्मीर

Jammu and Kashmir: जम्मू और कश्मीर से 5 अगस्त 2019 को धारा 370 हटने के बाद लगातार विकास की खबरें सामने आती हैं. अब कश्मीर अपनी प्राकृतिक सुंदरता और केंद्र शासित प्रदेश में बड़ी संख्या में आने वाले पर्यटकों के लिए खबरों में बना हुआ है. समय बदल गया है और रिपोर्टिंग पैटर्न भी, पिछले तीन वर्षों के दौरान आतंकवाद से संबंधित घटनाओं में कमी आई है. पथराव और आगजनी की घटनाएं अब इतिहास बन गए हैं. मीडिया जम्मू- कश्मीर में हो रही अच्छी चीजों की रिपोर्ट कर रहा है क्योंकि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद 2019 के बाद कम हो गया है.

श्रीनगर में हाल ही में आयोजित जी20 बैठक का अंतरराष्ट्रीय मीडिया द्वारा व्यापक प्रचार किया गया, जिसमें कश्मीर में स्थिरता और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए भारत के प्रयासों को उजागर किया. संविधान के एक अस्थायी प्रावधान अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद जम्मू और कश्मीर में बड़ा बदलाव आया है. इसके साथ ही 370 हटने के बाद ही G20 पहला अंतर्राष्ट्रीय आयोजन था. शिखर सम्मेलन में 17 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. विचार-मंथन सत्र में भाग लेने के अलावा, उन्होंने श्रीनगर में ऐतिहासिक स्थानों का दौरा किया. उन्होंने अपने परिवारों और दोस्तों के साथ लौटने और जम्मू- कश्मीर को अपने देशों में एक पर्यटन स्थल के रूप में बढ़ावा देने की कसम खाई.

पिछले 70 सालों से जम्मू-कश्मीर पर शासन करने वाले कश्मीर के राजनेताओं ने यह धारणा बना ली थी कि धारा 370 जम्मू-कश्मीर और नई दिल्ली के बीच एक सेतु है और अगर इसे छेड़ा गया तो यह जम्मू-कश्मीर को पाकिस्तान की गोद में धकेल देगा. उनकी कथा लोगों को यह बताने के इर्द-गिर्द घूमती है कि जेके की तथाकथित विशेष स्थिति एक ढाल है जो उनकी रक्षा करती है और उन्हें किसी भी कीमत पर इसकी रक्षा करनी होगी. नई दिल्ली में सत्ता में आने वाले शासनों को भी तत्कालीन रियासतों के पूर्व शासकों द्वारा गुमराह और गलत सूचना दी गई थी.

जब नरेंद्र मोदी 2014 में प्रधान मंत्री बने तो उन्होंने घोषणा की कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ‘एक निशान, एक प्रधान और एक संविधान’ (एक प्रतीक, एक सिर और एक संविधान) के लिए है. उन्होंने यह पूरी तरह स्पष्ट कर दिया कि जम्मू- कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था और रहेगा और इसे देश के अन्य क्षेत्रों के बराबर लाया जाएगा.

– भारत एक्सप्रेस

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