Jan Sangharsh Yatra: कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने राजस्थान में जनसंघर्ष यात्रा निकाली और इसके पांचवें और अंतिम दिन बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. सचिन पायलट ने जयपुर में अपनी पांच दिन की जनसंघर्ष पद यात्रा के समापन के मौके पर जनसभा को संबोधित किया और इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकार ने वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार के मामलों की जांच सहित उनकी तीन मांगें नहीं मानीं तो वे पूरे राज्य में आंदोलन करेंगे. कांग्रेस नेता ने राजस्थान में अपनी ही पार्टी की सरकार को इसके लिए 15 दिनों का वक्त दिया है.
क्या हैं सचिन पायलट की मांगें?
सचिन पायलट ने कहा, “उनकी पहली मांग है कि राज्य सरकार राजस्थान लोकसेवा आयोग को बंद कर, पूरे तंत्र का पुनर्गठन करें, नए कानून मापदंड बनें और पारदर्शिता से लोगों का चयन हो. दूसरी मांग है कि पेपर लीक से प्रभावित प्रत्येक नौजवान को उचित आर्थिक मुआवजा दिया जाना चाहिए. इसके अलावा, तीसरी मांग पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ लगे आरोपों की उच्च स्तरीय जांच कराना है.’’
बता दें कि पायलट ने पांच दिन की अपनी पदयात्रा की शुरुआत गुरुवार को अजमेर से की थी. उनके इस कदम को सीएम अशोक गहलोत और कांग्रेस आलाकमान पर दबाव बनाने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है. राजस्थान में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं और ऐसे में सचिन पायलट ने आंदोलन शुरू किया तो वे कांग्रेस के सिरदर्द को और बढ़ा सकते हैं.
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पायलट ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि इस महीने के आखिर तक अगर ये तीनों मांगें नहीं मानी गईं तो वे पूरे प्रदेश में आंदोलन करेंगे. पायलट ने कहा, “अभी मैंने गांधीवादी तरीके से अनशन किया, जनसंघर्ष यात्रा निकाली है. लेकिन मांगें नहीं मानी गईं तो मैं पूरे प्रदेश में आंदोलन करूंगा. जनता के साथ रहेंगे, गांव, ढाणी, शहरों में हम पैदल चलेंगे. जनता को साथ लेकर चलेंगे, न्याय करवाएंगे. लोगों की बात को रखते रहेंगे.’’
पांच दिनों की पदयात्रा के आखिरी दिन पायलट ने कहा कि उनकी निष्ठा और ईमानदारी पर उनके घोर विरोधी भी उंगली नहीं उठा सकते. उन्होंने कहा, ‘‘मैं किसी पद पर रहूं या नहीं, मैं राजस्थान की जनता की सेवा अपनी आखिरी सांस तक करता रहूंगा.’