गृह मंत्री अमित शाह (फाइल फोटो)
J&K: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज दोपहर राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023 पेश करेंगे. वहीं जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में डाली गई याचिकाओं पर भी आज फैसला आने वाला है. सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ आज इस पर अपना फैसला सुनाने जा रही है.
संसद का शीतकालीन सत्र | केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज दोपहर राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023 पेश करेंगे।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 11, 2023
फैसले के खिलाफ याचिका
बता दें कि साल 2019 में ही केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ सब मिलाकर 18 याचिकाएं दायर की गई थीं. सुप्रीम कोर्ट में चली 16 दिन सुनवाई के बाद इसी साल 5 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
वहीं संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दोपहर में राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023 पेश करेंगे. बता दें कि ये दोनों विधेयक लोकसभा में पहले ही पारित हो चुके हैं.
सुप्रीम कोर्ट सुनाएगी अहम फैसला
केंद्र सरकार ने पांच अगस्त, 2019 को संसद में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करने के लिए यह विधेयक पारित कराया था. सरकार के इस फैसले की संवैधानिक वैधता पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्थिति को स्पष्ट किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व में पांच जजों की संविधान पीठ इस जम्मू कश्मीर के इस मामले पर अपना फैसला सुनाएगी.
SC to pronounce judgement on pleas challenging abrogation of Article 370 today
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राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि लोकसभा चुनाव से पहले इस विधेयक को पारित करवाकर केंद्र सरकार, जम्मू-कश्मीर में बीजेपी को और मजबूत करना चाह रही है.
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370 पर बयान
आर्टिकल 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर जम्मू कश्मीर बीजेपी के अध्यक्ष रविंद्र रैना ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आखिरी फैसला होगा और जो भी फैसला 370 के सिलसिले में आएगा वो सबको मंजूर होगा.”
वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि “मेरे पास ऐसी कोई मशीनरी नहीं है जो मुझे बता सके कि उन 5 जजों के दिल में क्या है या उन्होंने फैसले में क्या लिखा है. मैं सिर्फ आशा और प्रार्थना कर सकता हूं कि फैसला हमारे पक्ष में हो.”