कड़कड़डूमा कोर्ट
Delhi Riots Case: अदालत ने 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों से संबंधित एक मामले में एक आरोपी नूर मोहम्मद उर्फ नूरा को चार साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. अदालत ने कहा उसके द्वारा किए गए अपराध घृणा और लालच पर आधारित थे. कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला ने नूर मोहम्मद उर्फ नूरा को सजा सुनाते हुए कहा कि दंगों की कार्रवाई नफरत से प्रेरित थी. जबकि, डकैती और नकद राशि की लूट, लालच से प्रेरित थी.
दंगाई भीड़ का सदस्य था नूर मोहम्मद
नूरा और नबी मोहम्मद को इस महीने की शुरुआत में खजूरी खास पुलिस स्टेशन में दर्ज 2020 की एफआईआर 221 में दोषी ठहराया गया था. नूरा को धारा 148, 427, 435, 436, 149, 392 और 188 के तहत दंडनीय अपराधों के लिए दोषी ठहराया गया था.
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नबी मोहम्मद को धारा 411 के तहत दोषी ठहराया गया था. उसे पहले ही सजा सुनाई जा चुकी है. नूरा को एक दंगाई भीड़ का सदस्य होने का दोषी ठहराया गया था. जिसने विभिन्न दुकानों में तोड़फोड़ और आग लगा दी थी. कुछ व्यक्तियों को लूट लिया था और पुलिस द्वारा पारित निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया था.
मोबाइल लूट कांड का था दोषी
नबी मोहम्मद को दो व्यक्तियों से मोबाइल फोन लूटने का दोषी ठहराया गया था. जबकि नूरा को चार साल की जेल (विभिन्न अपराधों के लिए एक साथ चलने वाली सजा) की सजा सुनाई गई थी, नबी मोहम्मद को इस मामले में पहले से ही कारावास की सजा सुनाई गई थी.
जेल में समय बिताने से मिलेगा सबक
अदालत ने कहा कि दोनों दोषी समाज के निम्न आय वर्ग से थे. किया गया अपराध कोई हल्का नहीं था, लेकिन शिक्षा की कमी, भीड़ की भावनाओं का प्रभाव, अशांत जीवन और नूरा की पारिवारिक पृष्ठभूमि को देखते हुए इसे खत्म नहीं किया जा सका. अदालत ने कहा जहां तक दोषी नबी मोहम्मद का सवाल है, मुझे लगता है कि इस मामले में मुकदमे का सामना करने और दोषी ठहराए जाने के बाद जेल में समय बिताने से उसे पर्याप्त सबक मिल गया होगा.
-भारत एक्सप्रेस
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