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Delhi: इंटरनेशनल इमिग्रेशन रैकेट का मास्टरमाइंड गिरफ्तार, विदेश भेजने के नाम पर लोगों से करता था ठगी

Immigration Racket: पुलिस ने मास्टरमाइंड को तब दबोचा जब वो अवैध रूप से नेपाल के रास्ते दिल्ली पहुंचा था. अभियुक्त के पास से 34 अंतर्राष्ट्रीय पासपोर्ट, चार फर्जी वीजा सहित अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई.

gaurav gossain

इमिग्रेशन रैकेट का मास्टरमाइंड गिरफ्तार

Delhi: दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट थाने की पुलिस टीम ने लोगों को विदेश भेजने के नाम पर ठगी करने वाले इंटरनेशनल इमिग्रेशन रैकेट के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया है. मास्टरमाइंड की पहचान गौरव गोसाईं के रूप में हुई है और दुबई में बैठकर पूरे सिंडिकेट को ऑपरेट कर रहा था.

पुलिस ने मास्टरमाइंड को तब दबोचा जब वो अवैध रूप से नेपाल के रास्ते दिल्ली पहुंचा था. अभियुक्त के पास से 34 अंतर्राष्ट्रीय पासपोर्ट, चार फर्जी वीजा सहित अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई हैं. इससे पहले भी आईजीआई एयरपोर्ट की टीम ने चार यात्रियों और दो एजेंटों को गिरफ्तार किया था और एयरपोर्ट थाने में धोखाधड़ी के दो मामले दर्ज किए गए थे.

इसी साल 16 मार्च को विस्तारा एयरलाइंस द्वारा पेरिस की यात्रा करने वाले तीन यात्रियों सुच्चा सिंह, सुरजीत सिंह और अमनदीप सिंह के बारे में शिकायत मिली थी, जिन्हें एयरलाइंस द्वारा उतार दिया गया. इनके द्वारा फर्जी वीजा पर यात्रा करने की शिकायत मिली थी. इस मामले को एयरलाइंस द्वारा जर्मन दूतावास के एएलओ को भेजा गया था, जिन्होंने जांच के बाद तीनों वीजा को नकली घोषित कर दिया था.

16 मार्च को पकड़े गए सुच्चा सिंह, सुरजीत सिंह और अमनदीप सिंह से जब पुलिस ने पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि वे उनके कॉमन फ्रेंड के जरिए दिल्ली के उत्तम नगर के रहने वाले गुरिंदर सिंह मोखा और पंजाब के रोपड़ के रहने वाले संदीप कुमार नाम के एजेंट के संपर्क में आए थे.

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दुबई से रैकेट चलाता था मास्टरमाइंड

इन्होंने यात्रियों को पेरिस जाने के लिए 15 लाख के हिसाब से प्रति यात्री 45 लाख में फ्रांस का फर्जी वीजा देने की बात की थी. यह डील छत्तीस लाख रुपये में तय हुई थी और यात्रियों ने पांच लाख रुपये बतौर एडवांस भी दिए थे. इसके बाद आरोपी एजेंटों ने उन्हें मास्टरमाइंड गौरव गोसाईं से मिलवाया जो दुबई में बैठकर दिल्ली से ह्यूमन ट्रैफिकिंग का रैकेट चलाता था.

इसी तरह, दूसरे मामले में हरियाणा के सुशील कुमार से पूछताछ की गई। उसने बताया कि वह अपने भाई के माध्यम से गौरव गोसाईं के संपर्क में आया था, जो टूरिस्ट वीजा पर दुबई गया था. वहां उसके भाई ने गौरव गोसाईं को पचास हजार एडवांस दिए और डील के बाकी 12 लाख रु गौरव को यूरोप आने पर देने की बात हुई.

लोगों को विदेश भेजने के नाम पर ठगी करने वाले इस गिरोह का भंडाफोड़ करने के लिए एसीपी आईजीआईए वीरेंद्र मोर की देखरेख और एसएचओ यशपाल सिंह के नेतृत्व में इंस्पेक्टर सुमित कुमार और अन्य की टीम का गठन किया गया था. एयरपोर्ट थाने में मामला दर्ज होने के बाद से ही गुरविंदर सिंह मोखा और संदीप कुमार घरों से फरार चल रहे थे, लेकिन लगातार उनकी तलाश में जुटी पुलिस को आखिरकार उनके बारे में सूचना मिली. जिसके बाद पुलिस ने दोनों को दबोच लिया.

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