कोलकाता में एक ट्रेनी डॉक्टर की बलात्कार के बाद हत्या की घटना के बाद से लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. (फोटो: IANS)
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की एक ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या के मामले में देश के कई राज्यों में डॉक्टरों का मंगलवार को भी विरोध प्रदर्शन जारी है.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में मंगलवार सुबह करीब 9 बजे जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल शुरू कर दी. इस कारण मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.
डॉक्टरों ने ओपीडी में कामकाज ठप कर दिया है. डॉक्टर वार्ड में भर्ती मरीजों को भी देखने नहीं पहुंचे. इसके चलते तत्काल केजीएमयू प्रशासन ने सीनियर डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई.
न्याय मिलना चाहिए
डॉक्टर कोलकाता के आरजे कर मेडिकल कॉलेज की महिला ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या में शामिल आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं. इसके अलावा डॉक्टर इस मामले की सीबीआई जांच की भी मांग कर रहे हैं. उन्होंने महिला डॉक्टर को न्याय मिलना चाहिए जैसी नारे भी लगाए.
डॉक्टरों का कहना है कि हम मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी और सीबीआई जांच की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. हमने आज भी कार्य का बहिष्कार किया है. केवल इमरजेंसी सेवाएं जारी हैं.
हड़ताल जारी रहेगी
इसी मामले को लेकर महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर स्थित छत्रपति संभाजीनगर अस्पताल में डॉक्टरों ने आंदोलन शुरू किया है. इस दौरान बड़ी संख्या में डॉक्टरों की उपस्थिति देखी गई.
डॉक्टरों ने यह स्पष्ट किया कि अब ऐसे अत्याचार बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे. इसके साथ ही ‘डॉक्टरों को न्याय मिलना चाहिए’ जैसी नारे भी लगाए. डॉक्टरों ने कहा कि जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होती, तब तक हमारी हड़ताल जारी रहेगी. उनका कहना है कि इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर बाकी सभी सेवाएं बंद रहेंगी.
मुंबई में भी प्रदर्शन
मुंबई में भी डॉक्टरों की हड़ताल देखने को मिल रही है. मुंबई के नायर हॉस्पिटल में डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है. डॉक्टरों ने महिला डॉक्टर के लिए इंसाफ की मांग करते हुए नारे लगाए. डॉक्टरों ने ‘नो सेफ्टी, नो ड्यूटी’ और हमारी मांगे पूरी करो जैसे नारे भी लगाए.
वहीं मध्य प्रदेश में भोपाल एम्स के डॉक्टरों ने भी हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है. उनका कहना है कि मरीजों के लिए केवल इमरजेंसी सेवाएं जारी रहेंगी.
झारखंड में भी विरोध
झारखंड की राजधानी रांची स्थित रिम्स के जूनियर डॉक्टर भी मंगलवार से हड़ताल पर चले गए. इससे राज्य के बड़े हॉस्पिटल में ओपीडी एवं रूटीन सर्जरी सेवाएं बाधित हो गई हैं.
मंगलवार सुबह ओपीडी में इलाज कराने पहुंचे सैकड़ों मरीजों को लौटना पड़ा. हालांकि, इमरजेंसी सेवाएं बहाल हैं. जूनियर डॉक्टरों ने रिम्स कैंपस में विरोध मार्च निकाला और इसके बाद धरना देकर अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी की.
आईएमए ने किया समर्थन
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने भी इस आंदोलन का समर्थन किया है. जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अंकित कुमार ने कहा कि कोलकाता की घटना बताती है कि मेडिकल कॉलेजों के छात्र-छात्राएं कितने असुरक्षित हैं.
आंदोलन कर रहे जूनियर डॉक्टरों की मांग है कि इस घटना की सीबीआई जांच हो और दोषी की पहचान कर उसे फांसी की सजा दी जाए. जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट डॉ. अभिषेक ने कहा कि डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए लंबे समय से कानून की मांग की जा रही है, लेकिन सरकार इस मामले में असंवेदनशील है. डॉक्टरों ने मेडिकल कॉलेज कैंपस में हर जगह पर सीसीटीवी कैमरे लगाने और 24 घंटे सुरक्षाकर्मियों की पर्याप्त संख्या में तैनाती की भी मांग की है.
क्या है पूरा मामला
बता दें कि बीते 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर का अर्धनग्न शव मिला था. मृतक मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन विभाग की छात्रा थी. गुरुवार (8 अगस्त) को अपनी ड्यूटी पूरी करने के बाद वह अपने दोस्तों के साथ डिनर करने गई थी. घटनास्थल से मृतक डॉक्टर का मोबाइल फोन और लैपटॉप भी मिला. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उसके मुंह, दोनों आंख और प्राइवेट पार्ट पर चोट के निशान मिले थे. इसके अलावा, होठ, गर्दन, पेट सहित शरीर के कई भागों में चोट के निशान मिले थे. इस घटना के बाद से पश्चिम बंगाल में शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन अब देश के कई राज्यों में फैल गया है.
मामले की जांच करेगी सीबीआई
कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी. अपने आदेश में हाईकोर्ट ने अस्पताल प्रशासन की ‘गंभीर चूक’ को उजागर किया और कहा कि पांच दिन बीत जाने के बाद भी जांच में कोई खास प्रगति नहीं हुई है.
मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगनम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ट्रेनी डॉक्टर के माता-पिता द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जो मामले में अदालत की निगरानी में जांच की मांग कर रहे थे. कई अन्य याचिकाएं भी दायर की गई थीं, जिनमें मामले की सीबीआई जांच की मांग की गई थी. अदालत ने कहा कि मृतक के माता-पिता को डर है कि अगर जांच को इसी तरह जारी रहने दिया गया, तो यह पटरी से उतर जाएगी.
-भारत एक्सप्रेस