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-सत्य प्रकाश सिंह
Lucknow: सपा सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रजापति की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गायत्री प्रजापति की याचिका को खारिज कर दिया है. दरअसल गायत्री ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की विशेष अदालत द्वारा उनके खिलाफ आरोप तय किये जाने व आरोपों से बरी किए जाने सम्बन्धी याचिका को विशेष अदालत से खारिज किए जाने को चुनौती दी थी, लेकिन न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की एकल पीठ ने सुनवाई के बाद गायत्री की याचिका को खारिज कर दिया. गायत्री की याचिका का ईडी के अधिवक्ता ने विरोध किया था. दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी ने सख्त टिप्पणी करते हुए मामले को खारिज कर दिया.
हाईकोर्ट ने कहा कि मंत्री बनने के बाद गायत्री और उनके परिवार बेहिसाब सम्पत्ति बनाई. कोर्ट ने माना कि विवेचना में पाया गया कि गायत्री और उनके परिवार की कुल स्रोतों से घोषित आय 72 लाख 38 हजार रुपये है जबकि जांच में गायत्री सहित परिवार के सदस्यों और उनकी कंपनी की बेहिसाब संपत्ति 35 करोड़ से अधिक पायी गई जिसका संतोषजनक जवाब कोर्ट में पेश नहीं किया जा सका. जांच में पाया गया कि गायत्री और उनके परिवार के सदस्यों के नाम कई बैंक एकाउंट हैं. उनकी कंपनी के नाम से और कई अन्य लोगों के नाम से भी बैंक एकाउंट हैं.
कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि पूर्व मंत्री ने अपने पद पर रहते हुए बेहिसाब संपत्ति बनाई है. बता दें कि पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को सपा मुखिया मुलायम सिंह और अखिलेश यादव का करीबी माना जाता था.