फोटो-सोशल मीडिया
Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित बीबीडी विश्वविद्यालय (बाबू बनारसी दास यूनिवर्सिटी) के करीब 70 छात्राओं की फूड प्वाइजनिंग के बाद हालत बिगड़ने पर उनको आनन-फानन में मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती कराया गया. इस मामले में पहले खबर आ रही थी कि 42 विद्यार्थियों को ही भर्ती कराया गया है, बाद में छात्राओं की संख्या बढ़कर 70 पहुंच गई है. इस सम्बंध में संस्थान के प्रवक्ता डा. एपी जैन ने बताया कि, शुक्रवार रात 38 विद्यार्थियों को फूड प्वाइजनिंग (food poisoning) के कारण इमरजेंसी में एडमिट कराया गया था. हालांकि प्राथमिक उपचार देकर सभी को वापस कर दिया गया है. सभी की हालत पहले से बेहतर है. शनिवार की दोपहर को अन्य छात्राओं को भी फूड प्वाइजनिंग के चलते इलाज के लिए लोहिया संस्थान लाया गया था. हालांकि सभी की हालत स्थिर है.
तो वहीं इस मामले में नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर एक छात्रा ने आरोप लगाते हुए जानकारी दी कि कल लंच के दौरान सभी को गुलाब जामुन खाने के लिए दिया गया था जो कि खट्टे थे, लेकिन सभी छात्राओं ने खाए. इसी के बाद सब की हालत बिगड़ी. छात्रा ने ये भी बताया कि ये मामला केवल गर्ल्स हॉस्टल से ही सामने आया है. दरअसल विश्वविद्यालय में विद्यावती गर्ल्स हॉस्टल , बीबीडी गर्ल्स हॉस्टल और शैल गुप्ता गर्ल्स हॉस्टल है, जिसमें कुल 800 से अधिक छात्राएं रहती हैं. सभी का खाना एक ही मेस में बनता है और सभी ने गुलाब जामुन खाए थे. छात्रा ने दावा किया कि सभी की हालत बिगड़ी थी, लेकिन कुछ की ज्यादा बिगड़ने पर अस्पताल में एडमिट कराया गया.
वहीं मामले की गम्भीरता को देखते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) ने जांच के आदेश दिए हैं. जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन किया गया है. हालांकि सीएमओ ने बताया कि सभी छात्राएं खतरे से बाहर हैं.
डीन स्टुडेंट वेलफेयर, एसएमके रिजवी ने पूरे मामले में दिया बयान
डीन स्टुडेंट वेलफेयर, एसएमके रिजवी ने पूरे मामले में बयान देते हुए कहा कि, चार गर्ल्स हास्टल में कुल 800 से अधिक छात्राएं हैं. हालांकि इस मामले को फूड प्वाइजनिग नहीं कह सकते हैं क्योंकि जो बच्चे बीमार नहीं हुए, उनसे भी जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उन लोगों ने भी वही खाना खाया जो मेस में बना था. चूकि कल फाउंडर डे सेलिब्रेशन था, तो वहीं भी बाहर के स्टाल लगे थे. इसलिए कुछ बच्चों ने वहां भी खाना खाया था. सम्भावना है कि जिन बच्चों ने स्टाल में खाना खाया वही बीमार हुए हैं. हालांकि उन्होने गुलाब जामुन की बात को लेकर कहा कि कुछ छात्राओं ने इसकी भी जानकारी दी. एसएमके रिजवी ने कहा कि दरअसल जिन बच्चों ने देर में खाना खाया है, वही बीमार पड़े हैं. हो सकता है कि गर्मी होने की वजह से 4-5 घंटे पहले बना खाना खराब हो गया हो. हालांकि सभी की हालत ठीक है. 6 सदस्यों की हाई लेवल कमेटी बनाई गई है, जो कि पूरे मामले की जांच करेगी, जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई होगी.
-भारत एक्सप्रेस
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