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महाराष्ट्र: चुनाव से पहले शिवसेना का बड़ा एक्शन, पूर्व सांसद सुभाष वानखेड़े को किया निष्कासित

Maharashtra Assembly Election 2024: चुनावी राज्य महाराष्ट्र में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने अपने पूर्व सांसद सुभाष वानखेड़े को पार्टी से निष्कासित कर दिया.

Subhash Wankhede

सुभाष वानखेड़े.

Maharashtra Assembly Election 2024: चुनावी राज्य महाराष्ट्र में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने अपने पूर्व सांसद सुभाष वानखेड़े को पार्टी से निष्कासित कर दिया. उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने का आरोप था.

विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद महाराष्ट्र की सियासत तेज हो गई है. शिवसेना (यूबीटी) ने चुनाव से कुछ दिन पहले ही बड़ा कदम उठाते हुए हिंगोली से पूर्व सांसद एवं दिग्गज नेता सुभाष वानखेडे पर बड़ा एक्शन लिया. उनको पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाए जाने के बाद पार्टी के निष्कासित कर दिया गया है.

चुनाव से पहले शिवसेना का बड़ा एक्शन

विधानसभा चुनाव से महज कुछ दिन पहले शिवसेना (यूबीटी) की तरफ से यह बड़ा एक्शन माना जा रहा है. इससे पहले भारतीय जनता पार्टी भी पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते अपने कई नेता निष्कासित कर चुकी है.

इससे पहले शुक्रवार को शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता आनंद दुबे ने भाजपा और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के बयान ‘बटेंगे तो कटेंगे’ पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि यह महाराष्ट्र छत्रपति शिवाजी का महाराष्ट्र है. यहां सभी धर्मों के लोग मिलकर रहते हैं, चाहे हिन्दू हों या फिर मुस्लिम. यहां न ही बंटेंगे और न ही कटेंगे. भाजपा के अहंकार के खिलाफ डटेंगे तभी तो यहां से भाजपा को हटाएंगे. उन्होंने कहा है कि महा विकास अघाड़ी की सरकार महाराष्ट्र में बनने जा रही है. महायुति ही आपका भविष्य है.

23 नवंबर को आएंगे चुनाव परिणाम

उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में कुल 288 विधानसभा सीटे हैं. जिनके लिए एक ही चरण में 20 नवंबर के दिन मतदान प्रस्तावित है. सभी निर्वाचन क्षेत्रों के नतीजे एक साथ 23 नवंबर को सामने आएंगे.

विपक्षी महागठबंधन महाविकास अघाड़ी में शामिल कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), सत्ता पर काबिज महायुति सरकार को हटाने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रही है. वहीं, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना, भाजपा और अजित पवार की एनसीपी की महायुति सरकार के सामने एक बार फिर सत्ता में बने रहने की चुनौती है.

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