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Bhagat Singh Koshyari: सक्रिय राजनीति में नहीं रहना चाहता, मेरा मार्गदर्शन करें- महाराष्ट्र के राज्यपाल ने अमित शाह को लिखी चिट्ठी

Bhagat Singh Koshyari: पूरा विवाद उनके एक बयान के बाद शुरू हुआ जिसके आरोप था कि भगत सिंह कोश्यारी ने छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान किया है.

Bhagat Singh Koshyari

महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी

Bhagat Singh Koshyari: महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की एक चिट्ठी सामने आई है, जिसमें उन्होंने कहा है कि वे सक्रिय राजनीति में नहीं रहना चाहते हैं. गृह मंत्री अमित शाह को लिखी चिट्ठी में उन्होंने कहा है, “मैं सक्रिय राजनीति में नहीं रहना चाहता था. मुझे महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाया गया, लेकिन अब आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. कृपया मेरा मार्गदर्शन करें कि अब मुझे क्या करना चाहिए.”

भगत सिंह कोश्यारी की ये चिट्ठी 6 दिसंबर की बताई जा रही है, जिसमें वे हालिया सियासी हमलों से आहत बताए जा रहे हैं. बीते कुछ समय से भगत सिंह कोश्यारी पर विपक्ष ने जोरदार हमला बोला है. दरसअल, पूरा विवाद उनके एक बयान के बाद शुरू हुआ जिसके आरोप था कि भगत सिंह कोश्यारी ने छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान किया है. इसको लेकर शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने शिंदे-फडणवीस सरकार (Shinde-Fadnavis Government) और भगत सिंह कोश्यारी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया.

भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) ने लिखा अमित शाह को पत्र

हालिया विवाद पर राज्‍यपाल कोश्‍यारी ने गृह मंत्री अम‍ित शाह को भी पत्र ल‍िखकर पूरे मामले से अवगत कराया है. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताब‍िक, शाह को ल‍िखे पत्र में भगत सिंह कोश्यारी ने कहा है क‍ि वह छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान करने की सोच भी नहीं सकते हैं.

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इसके पहले, छत्रपति शिवाजी महाराज पर की गई ट‍िप्‍पणी को लेकर विपक्ष ने गवर्नर के इस्तीफे की मांग की थी. पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने राज्यपाल की टिप्पणी के खिलाफ न बोलने के लिए शिंदे सरकार पर निशाना साधा था.आदित्य ठाकरे ने ट्वीट कर कहा कि यह शर्मनाक है कि गवर्नर को अभी तक हटाया नहीं गया है और सरकार इस पर नहीं बोल रही है.

जबकि, भाजपा सांसद उदयनराजे भोसले ने भी इस पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि विभिन्न राजनीतिक दल छत्रपति शिवाजी महाराज की विचारधारा का पालन करते हैं. उन्होंने कहा कि जब तरह-तरह के अपमानजनक बयानों से उनका अपमान होता है, तो ये राजनीतिक दल नाराज क्यों नहीं होते? उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर सभी दलों को एक साथ आना चाहिए. उन्होंने कहा कि इतने ऊंचे पद पर बैठे आदमी का ऐसा बयान अक्षम्य है.



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