पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी
Karnataka CM Oath Ceremony: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत दर्ज करने वाली कांग्रेस पार्टी मुख्यमंत्री के तौर पर सिद्धारमैया की ताजपोशी के कार्यक्रम को भव्य बनाना चाहती है. इस शपथ ग्रहण समारोह के लिए कांग्रेस पार्टी समान विचारधारा वाले दलों को न्योता भेज रही है. हालांकि, पार्टी ने इस दौरान कुछ विपक्षी दलों के नेताओं से दूरी भी बना रखी है जिनमें तेलंगाना के सीएम केसीआर, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और बसपा प्रमुख मायावती हैं. वहीं खबर है कि सिद्धारमैया के शपथ ग्रहण समारोह में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी शामिल नहीं होंगी.
कांग्रेस से टीएमसी की बढ़ रही दूरी!
टीएमसी के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन के मुताबिक, सीएम ममता बनर्जी के बजाय टीएमसी सांसद डॉ. काकोली घोष दस्तीदार इस कार्यक्रम में शामिल होंगी. सिद्धारमैया के शपथ ग्रहण समारोह से ममता बनर्जी की दूरी की खबरों पर अटकलें तेज हो गई हैं. राजनीतिक पंडितों का मानना है कि यह कर्नाटक चुनावों में कांग्रेस की प्रचंड जीत के बावजूद कांग्रेस से टीएमसी की बढ़ती दूरी का एक और संकेत है.
कर्नाटक चुनाव में जीत के बाद कांग्रेस विपक्षी एकजुटता के मामले में ‘डील’ करने की बेहतर स्थिति में नजर आ रही है. ऐसे में ममता बनर्जी का कहना है कि वह 2024 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को समर्थन देने के लिए तैयार हैं, बशर्ते कांग्रेस भी पश्चिम बंगाल में टीएमसी को ऐसा ही समर्थन दे. वहीं ममता बनर्जी के बयान के बाद कांग्रेस की तरफ से भी प्रतिक्रिया आई है. पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और लोकसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी ने ममता के ऑफर को ठुकरा दिया और कहा कि पश्चिम बंगाल में टीएमसी के साथ किसी भी तरह के समझौते का सवाल ही नहीं उठता है.
ममता बनर्जी पहले भी कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की पक्षधर नहीं रही हैं. वे कई मौकों पर विपक्ष में कांग्रेस के नेतृत्व को नकार चुकी हैं और अब उनके सिद्धारमैया के शपथ ग्रहण समारोह से दूरी बनाने को इसी नजरिए से देखा जा रहा है. हालांकि, टीएमसी ने अपना प्रतिनिधि भेजने का फैसला जरूर किया है.
किन नेताओं से कांग्रेस ने बनाई दूरी?
सिद्धारमैया के शपथ ग्रहण के लिए बिहार के सीएम नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती, सीपीआई (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, एनसीपी प्रमुख शरद पवार और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे को न्योता भेजा गया है. लेकिन तेलंगाना के सीएम केसीआर, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और बसपा सुप्रीमो मायावती को न्योता नहीं दिया गया है.
-भारत एक्सप्रेस
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