(प्रतीकात्मक तस्वीर)
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में माओवादियों द्वारा दो महिलाओं की हत्या के अलग-अलग मामलों ने सनसनी फैला दी है. शुक्रवार और शनिवार को हुई इन घटनाओं में माओवादियों ने दोनों महिलाओं पर पुलिस मुखबिर होने का आरोप लगाया. शनिवार रात को माओवादियों ने 40 वर्षीय यालम सुकड़ा को बीजापुर के मड्डेड थाना क्षेत्र के लोडेड गांव से अगवा कर लिया. बताया जा रहा है कि सुकड़ा को जंगल में एक पहाड़ी पर तीन किलोमीटर दूर ले जाकर उनकी गला रेतकर हत्या कर दी गई. उनका शव रविवार सुबह बरामद हुआ.
जंगल में हत्या की खौफनाक घटना
माओवादियों के मड्डेड एरिया कमेटी ने शव पर एक नोट छोड़ा, जिसमें लाल स्याही से लिखा था कि यालम सुकड़ा पुलिस की मुखबिर थीं और उन्हें शुक्रवार को एक जन अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी. माओवादियों का दावा है कि सुकड़ा ने उनके मूवमेंट की जानकारी पुलिस को दी थी, जिससे तेलंगाना की ग्रेहाउंड फोर्स ने बीजापुर-तेलंगाना सीमा पर ऑपरेशन किया. इस ऑपरेशन में 1 दिसंबर को सात माओवादी मारे गए थे.
परिवार के सामने गला दबाकर हत्या
शुक्रवार रात को 45 वर्षीय लक्ष्मी पदम, जो कि तिम्मापुर गांव की निवासी थीं और एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता थीं, को माओवादियों ने उनके घर से घसीट कर बाहर निकाला. उनके परिवार के सामने ही गला दबाकर उनकी हत्या कर दी गई. परिवार, जिसमें उनके तीन बच्चे और पति शामिल थे, ने माओवादियों को रोकने की कोशिश की, लेकिन उन्हें भी मारा-पीटा गया और दूर हटा दिया गया. माओवादियों ने लक्ष्मी पदम को भी पुलिस मुखबिर बताया.
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बढ़ते माओवादी हमले
बीते एक हफ्ते में माओवादी हिंसा में बीजापुर जिले में पांच लोगों की हत्या हो चुकी है. बस्तर क्षेत्र, जिसमें बीजापुर भी शामिल है, में इस साल अब तक माओवादी हमलों में कम से कम 64 नागरिकों की मौत हो चुकी है. इसी अवधि में 210 माओवादी और 18 सुरक्षाकर्मी भी मारे गए हैं. माओवादियों द्वारा की जा रही इस प्रकार की हिंसा ने क्षेत्र में दहशत का माहौल बना दिया है.
-भारत एक्सप्रेस
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