वन नेशन वन इलेक्शन के प्रस्ताव को मिली मंजूरी.
केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय कैबिनेट ने रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी की रिपोर्ट को मंजूरी दी है.
कोविंद समिति ने सौंपी थी रिपोर्ट
बताया जा रहा है कि रामनाथ कोविंद के नेतृत्व वाली समिति ने ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ को लेकर अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को पहले ही सौंप दी थी. इसमें सुझाव दिए गए हैं कि देश में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने चाहिए. इसके अलावा समिति ने सिफारिश की है कि निकाय चुनाव को भी लोकसभा और राज्य विधानसभा के संपन्न होने के बाद जल्द ही कराया जाए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार अपने मौजूदा कार्यकाल के दौरान पहले ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ नीति को लागू करने की तैयारी कर रही है. ऐसी चर्चा है कि केंद्र सरकार इससे जुड़ा बिल जल्द ला सकती है.
कोविंद की अध्यक्षता में बनी थी कमेटी
उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ को लेकर एक कमेटी बनाई थी, इस कमेटी का अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को बनाया था. इसके अलावा इस कमेटी में कई और सदस्यों को भी शामिल किया गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित करते हुए ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ का जिक्र किया था.
पीएम मोदी भी पक्ष में
पीएम मोदी ने कहा था, “वन नेशन वन इलेक्शन के लिए देश को आगे आना होगा. बार-बार आने वाले चुनाव इस देश की प्रगति में रुकावट उत्पन्न करते हैं. आज किसी भी योजना को चुनाव के साथ जोड़ना आसान हो गया है, क्योंकि हर तीन या छह महीने बाद चुनाव होते हैं. हर काम को चुनाव के रंग से रंग दिया गया है. इसलिए देश ने व्यापक चर्चा की है.”
उन्होंने आगे कहा था, “सभी राजनीतिक दलों ने अपने विचार रखे हैं. मैं लाल किले से तिरंगे को साक्षी रखते हुए देश के राजनीतिक दलों से आग्रह करता हूं. संविधान को समझने वाले लोगों से आग्रह करता हूं कि भारत की तरक्की के लिए, भारत के संसाधनों का सर्वाधिक उपयोग जन सामान्य के लिए हो सके, इसके लिए ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ के लिए हमें आगे आना चाहिए.”
-भारत एक्सप्रेस