सत्येंद्र जैन
Satyendar Jain Surrender in Money laundering case: मनी लॉन्ड्रिंग केस में दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को बड़ा झकटा लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने सत्येंद्र जैन की सभी याचिकाओं को खारिज कर राहत देने के इनकार कर दिया है. इसके साथ ही उन्हें तुरंत सरेंडर करने का आदेश दिया गया है. सत्येंद्र जैन को बुधवार (20 मार्च) को कोर्ट में हाजिर होना पड़ेगा. सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में सत्येंद्र जैन के साथ-साथ अंकुर जैन और वैभव जैन की याचिकाओं को भी खारिज कर दिया है.
सरेंडर के लिए मांगा गया था एक हफ्ते का वक्त
न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने जैन से तत्काल सरेंडर करने को कहा. जैन अभी अंतरिम जमानत पर बाहर हैं. न्यायालय ने जैन को सरेंडर करने के लिए एक हफ्ते का वक्त देने के उनके वकील के मौखिक अनुरोध को ठुकरा दिया. शीर्ष अदालत ने जैन की नियमित जमानत याचिका पर 17 जनवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. उसने 26 मई 2023 को जैन को चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत दी थी और बार-बार जमानत की अवधि बढ़ायी जाती रही.
ईडी ने जैन 2022 में किया था गिरफ्तार
जैन ने मामले में उनकी नियमित जमानत याचिका खारिज करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के छह अप्रैल 2023 के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी. ईडी ने जैन से कथित तौर पर जुड़ी चार कंपनियों के जरिए धन शोधन के आरोप में ‘आप’ नेता को 30 मई 2022 को गिरफ्तार कर लिया था. उसने भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत 2017 में जैन के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक प्राथमिकी के आधार पर उन्हें गिरफ्तार किया था. जैन को सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में छह सितंबर 2019 को निचली अदालत ने नियमित जमानत दे दी थी. जैन ने इन आरोपों से इनकार किया है.
क्या है मामला
बताते चलें कि आम आदमी पार्टी के नेता सत्येंद्र जैन के खिलाफ सीबीआई ने 2017 में भ्रष्टाचार अधिनियम कानून के तहत एफआईआर दर्ज की थी. जिसमें सत्येंद्र जैन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया था. सीबीआई के एफआईआर के मुताबिक मनी लॉन्ड्रिंग चार कंपनियों के के जरिए की गई. जिससे आप के पूर्व नेता सत्येंद्र जैन का कनेक्शन है.
यह भी पढ़ें: इलेक्टोरल बॉन्ड पर सु्प्रीम कोर्ट ने कहा- “जब हमने सभी विवरण देने को कहा था, तो इसका मतलब सभी विवरण है”
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.