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MP Election 2023: कांग्रेस ने जारी किया था बालाघाट का Fake Video, सच्चाई सामने आने पर कहा- कन्फ्यूजन हो गया था

MP Election 2023: कांग्रेस ने बालाघाट में बनाए गए स्ट्रॉन्ग रूम से डाक मतपत्र को बाहर ले जाने का आरोप लगाते हुए फर्जीवाड़े की बात कही थी. उसने बालाघाट डीएम के खिलाफ एक पत्र मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की थी.

कांग्रेस ने जारी किया था फेक वीडियो

कांग्रेस ने जारी किया था फेक वीडियो

MP Election 2023: देश के 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. जिसमें अब तक 4 राज्यों में वोटिंग हो चुकी है. 30 नवंबर को तेलंगाना में मतदान होगा. जिन राज्यों में मतदान पूरा हो चुका है. वहां पर मतगणना की तारीख का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है. ईवीएम को कड़ी सुरक्षा के बीच स्ट्रॉन्ग रूम में रखा गया है. जहां पर दिन-रात इन ईवीएम की रखवाली की जा रही है. इसी बीच मध्य प्रदेश में बनाए गए एक स्ट्रॉन्ग रूम का वीडियो बताकर उसे वायरल किया गया था. जिसपर कांग्रेस ने नाराजगी जाहिर करते हुए गंभीर आरोप लगाए थे. अब कांग्रेस बैकफुट पर आ गई है.

डाक मतपत्र को बाहर ले जाने का आरोप लगाया था

कांग्रेस ने बालाघाट में बनाए गए स्ट्रॉन्ग रूम से डाक मतपत्र को बाहर ले जाने का आरोप लगाते हुए फर्जीवाड़े की बात कही थी. उसने बालाघाट डीएम के खिलाफ एक पत्र मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की थी. जिसको लेकर कांग्रेस अब बैकफुट पर आ गई है. वीडियो जारी करते हुए कांग्रेस शहर इकाई के अध्यक्ष ने कहा था कि गलतफहमी के चलते ये मुद्दा बन गया था. अब चुनाव अधिकारियों से स्पष्टीकरण मिलने के बाद पार्टी पूरी तरह से संतुष्ट है.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने वीडियो को बताया था फर्जी

कांग्रेस की तरफ से वायरल किए गए वीडियो को लेकर मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुपम राजन ने इसे फर्जी बताया था. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि स्थानीय नेता इस प्रक्रिया से पूरी तरह से संतुष्ट हैं. मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा था कि सभी पार्टियों के अधिकृत एजेंटों की मौजूदगी में डाक मतपत्र की पेटियों को स्ट्रॉन्ग रूम से निकालकर उन्हें विधानसभावार अलग किया गया था.

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कांग्रेस ने जारी किया था वीडियो

कांग्रेस की तरफ से वीडियो जारी करते हुए आरोप लगाए गए थे कि बालाघाट डीएम की मौजूदगी में डाक मतपत्र की पेटियों से छेड़छाड़ की जा रही है. इसके बाद कलेक्ट्रेट के जनसंपर्क विभाग ने बयान जारी किया था. जिसमें कहा गया था कि तहसील कार्यालय में एक स्ट्रॉन्ग रूम बनाया गया है. जहां आने वाले डॉक मतपत्रों को अधिकृत एजेंटों के सामने उन्हें खोला गया था. प्रक्रिया के मुताबिक, जिलों से इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट सिस्टम के माध्यम से आने वाले मतपत्रों को हर दिन दोपहर 3 बजे विधानसभावार अलग किया जाता है. इसी दौरान वीडियो को शूट किया गया और लोगों में भ्रम पैदा करने के लिए इसे वायरल कर दिया गया था.

-भारत एक्सप्रेस



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