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Madhya Pradesh Election 2023: मध्य प्रदेश चुनाव में बीजेपी ने इस बार बड़े दांव खेले हैं. उसने अपनी प्रत्याशियों की सूची में बड़े-बड़े नेताओं समेत केंद्रीय मंत्रियों को मैदान में उतारा है. इसके बाद यह चर्चा होने की लगी कि जब इतने दिग्गज नेताओं को पार्टी ने मैदान में उतारा है तो ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी चुनावी मैदान में उतारा जाएगा. उसके लिए सीट भी लगभग तय थी और वह शिवपुरी सीट. तभी से इस सीट पर काफी घमासान मचा हुआ है. प्रदेश की यह काफी हॉट सीट मानी जाती है. ऐसे में सिंधिया यहीं से चुनाव लड़ेंगे. ऐसे कयास लगाए जा रहे थे. लेकिन बीजेपी ने उन्हें चुनावी मैदान में उतारा ही नहीं है.
शिवपुरी सीट पर फिलहाल ज्यातिरादित्य सिंधिया की बुआ और प्रदेश सरकार में मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया विधायक हैं, लेकिन इस बार उन्होंने चुनाव लड़ने से मना कर दिया. इसके बाद फिर यह सवाल उठा कि क्या सिंधिया ही मैदान में उतरेंगे.
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के लिए ज्योतिरादित्य के गढ़ में जीतना चुनौती थी, इसलिए उसने भी वहां बड़ा दांव खेला, लेकिन अब बीजेपी की रणनीति के आगे उसका यह दांव कुछ खास काम नहीं आता दिख रहा, क्योंकि बीजेपी ने शिवपुरी सीट से ज्योतिरादित्य को प्रत्याशी बनाया ही नहीं. हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि सिंधिया ने खुद चुनाव लड़ने के लिए मना कर दिया था. बीजेपी के इस दांव के बाद से कांग्रेस भी सकते आ गई है, क्योंकि उसने अपने एक मजबूत नेता केपी सिंह को यहां प्रत्याशी बनाकर भेज दिया.
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केपी सिंह को शिवपुरी सीट से मैदान में उतारने से कांग्रेस को झटका लग सकता है, क्योंकि केपी सिंह शिवपुरी से आते जरुर हैं, लेकिन मगर इस सीट पर उनका ज्यादा प्रभाव नहीं है. उन्होंने पिछोर सीट पर दबदवा बनाया हुआ है. वह यहां पिछले 30 सालों से विधायक हैं. ऐसे पिछोर कांग्रेस की मजबूत सीट थी. लेकिन अब पार्टी ने केपी सिंह को शिवपुरी भेज दिया है.
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस की पिछोर सीट भी खतरे में आ गई है क्योंकि यहां केपी सिंह का दबदवा था. अब कांग्रेस ने यहां से अरविंद लोधी को मैदान में उतारा है. वहीं बीजेपी ने यहां से देवेंद्र जैन पर भरोसा जताया है. ऐसे में अब कांग्रेस के लिए शिवपुरी और पिछोर सीट दोनों पर ही खतरा हो गया है. हालांकि ऐसा भी माना जा रहा है कि पार्टी केपी सिंह को दो जगहों से चुनाव लड़वा सके.
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