माफिया मुख्तार अंसारी पत्नी अफशां अंसारी के साथ.
Mukhtar Ansari Love Story: यूपी से निकलकर देश के 8 राज्यों तक अपनी गैंग 191 के जरिए खौफ का साम्राज्य बनाने वाले मुख्तार की कहानी का शुक्रवार रात को अंत हो गया. बांदा जेल में हार्ट अटैक के बाद उसे मेडिकल काॅलेज हाॅस्पिटल लाया गया जहां उसने आखिरी सांस ली. इस बीच उसके बेट उमर और उसके बीच बातचीत का एक ऑडियो वायरल हो रहा है जिसमें वो धीमा जहर दिए जाने और न बच पाने की बात कह रहा है. उसकी मौत के बाद उसके जीवन और सियासत से जुड़े किस्से आम लोगों के बीच चर्चा का विषय बने हुए हैं.
मुख्तार का पूरा परिवार बेहद इज्जतदार था. वजह थी उनके दादा मुख्तार अहमद अंसारी. जो कि एक स्वतंत्रता सेनानी थे. वे 1926-27 के दौरान कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे. उनके पिता की छवि भी उनके दादा की तरह ही साफ-सुथरी थी. उनके नाना सेना में ब्रिगेडियर थे. 1947 की जंग के दौरान वे शहीद हो गए. मुख्तार पढ़ने से ज्यादा खेल-कूद में रूचि रखते थे. उसे किक्रेट का बड़ा शौक था. उनके पिता भी बहुत अच्छे क्रिकेटर थे. वे दिल्ली के सेंट स्टीफन काॅलेज के क्रिकेट कप्तान थे.
अफशां से निकाह के बाद बदल गई मुख्तार की जिदंगी
पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए मुख्तार भी क्रिकेट में रूचि लेने लगा. गाजीपुर में ही पढ़ाई के दौरान उसने क्रिकेट पर फोकस किया. वह रोज प्रेक्टिस करता था. मुख्तार को खेलता देख पास के ही काॅलेज में पढ़ने वाली लड़की अफशां अंसारी उस पर फिदा हो गई. अफशां उसके प्यार में इस कदर पागल थी कि एक दिन उसने मुख्तार के सामने प्यार का इजहार कर दिया. इसके बाद रोज दोनों क्रिकेट के बहाने एक-दूसरे से मिलने लगे. दोनों परिवारों को रिश्ते से कोई ऐतराज नहीं था. 1989 में मुख्तार और अफशां ने निकाह कर लिया.
जेल जाने के बाद पत्नी संभालने लगी गैंग
निकाह के बाद मुख्तार ने क्रिकेट खेलना छोड़ दिया. उसने पैसा और नाम बनाने के लिए जुर्म का रास्ता पकड़ा. हर जुर्म में उसकी पत्नी अफशां उसकी हमसफर रही. अपराध के बाद सजा से बचने के लिए उसने राजनीति का रूख किया. 2005 में जेल जाने के बाद मुख्तार के काले साम्राज्य को अफशां ने संभाल लिया. अब तक उसके बच्चे उमर और अब्बास भी बड़े हो चुके थे. अब उसके बच्चे उसकी गैंग 191 के सारे कामकाज देखने लगे. आज अफशां रिवाॅल्वर वाइफ के तौर पर जानी जाती है. फिलहाल वह फरार चल रही है. उस पर 11 मामले दर्ज हैं.
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