सांकेतिक तस्वीर
UP News: यूपी के मेरठ जिले से बड़ी खबर सामने आ रही है. यहां ‘नटवारलालों’ का बड़ा कारनामा उजागर हुआ है. जानकारी सामने आ रही है कि स्टाफ नर्स के 90 पदों पर सीएमओ के नाम से फर्जी नियुक्ति कर दी गई और किसी को खबर तक नहीं लगी. जब फर्जी नियुक्ति का पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो सभी के हाथ-पांव फूल गए. आनन-फानन में सीएमओ ने वायरल नियुक्ति पत्र पर जांच बिठा दी है.
सूत्रों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में 90 पदों पर स्टाफ नर्सों की भर्ती का एक नियुक्ती पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. ये पत्र सीएमओ (मुख्य चिकित्सा अधिकारी) अखिलेश मोहन के नाम से वायरल हो रहा है. इस पत्र के वायरल होते ही मेरठ के चिकित्सा विभाग में हड़कम्प मच गया है. वहीं इस पूरे प्रकरण में सीएमओ ने उच्च स्तरीय जांच भी बिठा दी है. इसी के साथ पूरे प्रकरण की शिकायत पुलिस से कर दी है.
फर्जी नियुक्ति पत्र जारी कर युवाओं से ठगी की आशंका जताई जा रही है. बताया जा रहा है कि इसमें कोई बड़ा गिरोह शामिल हो सकता है, जिसने बड़े ही शातिर तरीके से इतनी बड़ी संख्या में स्टाफ नर्सों की भर्ती कर दी और नियुक्ति पत्र भी जारी कर दिया, लेकिन स्वास्थ्य विभाग को कानों-कान खबर भी नहीं हुई.
बता दें कि नियुक्ति पत्र में महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग का भी हवाला दिया गया है. इसी के साथ चयन लिखित परीक्षा से होने की बात भी कही गई है. इस पूरे मामले में मेरठ पुलिस पूरे प्रकरण की जांच पड़ताल में जुटी गई है.
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पत्र की बिठाई गई है जांच-बोले सीएमओ
इस पूरे प्रकरण में सीएमओ अखिलेश मोहन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वायरल नियुक्ति पत्र की जांच बिठा दी गई है. किसके द्वारा यह फर्जी नियुक्ति पत्र जारी किया गया है और कौन व्यक्ति है और किस गिरोह का सदस्य है…इन सभी बिंदुओं पर चांज की जा रही है. उनका कहना है कि पत्र मिलने के बाद गंभीरता से मामले को संज्ञान में लेते हुए तुरंत कार्रवाई की जा रही है और साथ ही इस गिरोह के बारे में जानकारी की जा रही है. फिलहाल अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं कराई गई है.
-भारत एक्सप्रेस
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