Bihar News: पुल के पिलर के नीचे से निकाला गया बच्चा
Bihar News: बिहार के रोहतास में पुल के खंभे और स्लैब के बीच फंसे 11 साल के बच्चे को निकाल लिया गया, लेकिन बच्चे ने अस्पताल में दम तोड़ दिया. बच्चे की जिंदगी बचाने के लिए पिछले 20 घंटे से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा था. लड़के की पहचान खिरिया गांव निवासी रंजन कुमार के रूप में हुई है. रेस्क्यू ऑपरेशन बुधवार को शुरू हुआ था. यह घटना नासरीगंज की बताई जा रही है. बच्चा सोन नदी पर बने पुल के स्लैब और पिलर नंबर 1 के बीच फंस गया था.
#WATCH | Rohtas, Bihar: A 12-year-old child who got trapped in the foot of the bridge built on a river located in Nasriganj has been rescued by a team of NDRF. pic.twitter.com/ZESc0eiDOA
— ANI (@ANI) June 8, 2023
मानसिक रूप से अस्वस्थ था बच्चा
सूचना मिलने पर, एनडीआरएफ की टीमों को लड़के को बचाने के लिए मौके पर भेजा गया. करीब 20 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद लड़के को बाहर निकाल लिया गया था. लड़के के पिता शत्रुधन प्रसाद ने कहा कि रंजन मानसिक रूप से अस्वस्थ था और दो दिन पहले लापता हो गया था.जब उसकी तलाश की जा रही थी, तब एक महिला ने परिवार को बताया कि वह ओवरब्रिज के खंभे और स्लैब के बीच फंसा हुआ है.
कबूतर पकड़ने नदी के पास गया था बच्चा
बताया गया है कि बच्चा कबूतर को पकड़ने के लिए पुल के पास गया था. कबूतर पकड़ते-पकड़ते पैर फिसल गया, जिसके बाद बच्चा पुल के पिलर के बीच जाकर फंस गया. बच्चे को एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम ने बाहर निकाल लिया है. बच्चे का अभी मेडिकल कराया जाएगा. जानकारी के मुताबिक, खिरियांव गांव के रहने वाले शत्रुघन प्रसाद का बेटा रंजन कुमार तीन भाइयों में बीच का है. परिजनों ने बताया कि वो मानसिक रूप से कमजोर भी था. पिछले दो दिनों से लापता होने के बाद परिजनों ने खोजबीन की, लेकिन कहीं कोई अता-पता नहीं चला. फिर किसी महिला ने परिजनों को सूचना दी कि उनका बेटा सोन नदी के पुल में फंस हुआ है. इसके बाद यह खबर आग की तरफ पूरे इलाके में फैल गई.
पहले पुलिश की टीम ने की बचाने की कोशिश
मौके पर पहले पुलिस प्रशासन की टीम पहुंची. काफी मशक्कत के बाद भी बच्चे को नहीं निकाला जा सका. इसके बाद एनडीआरएफ की टीम को मौके पर बुलाया गया. बुधवार देर रात तक एनडीआरएफ की टीम बच्चे को निकालने की कोशिश में लगे रहे, लेकिन बच्चे को बाहर निकाल नहीं पाए. हालांकि, बुधवार सुबह फिर से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया. करीब-करीब 20 घंटे तक चली रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बच्चे को निकाल लिया गया. लेकिन अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
-भारत एक्सप्रेस
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