ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और विदेश मंत्री के बरामद हुए शव
NIA Raid: पाकिस्तान समर्थित गजवा-ए-हिंद को लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) एक्शन मोड में हैं. एनआईए ने रविवार को इससे जड़े संदिग्धों को पकड़ने के लिए कई राज्यों में छापेमारी की. इस दौरान जांच एजेंसियों के अधिकारियों ने कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल उपकरण जब्त किए हैं. इसके अलावा एनआई को इन संदिग्धों के पाकिस्तान के साथ संबंधों के भी बारे में पता चला है. इनके परिसरों की भी तलाशी ली गई है. ये संदिग्ध पाकिस्तान में बैठे संचालकों के संपंर्क में थे.
जांच एजेंसी एनआईए की तरफ से कहा गया है कि गजवा-ए-हिंद के कट्टरपंथी, भारत विरोधी विचारों का प्रचार-प्रसार करने में शामिल थे. बता दें कि एनआईए के अधिकारियों ने देर रात तक छापेमारी की थी.
मध्य प्रदेश के देवास, गुजरात के गिर सोमनाथ, उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ और केरल के कोझिकोड जिले में इन संदिग्धों के परिसरों पर एनआईए की तरफ से छापेमारी की गई. इस दौरान मोबाइल फोन और सिम कार्ड के अलावा कई दस्तावेज जब्त किए गए. बता दें कि यह मामला साल 2022 में 14 जुलाई को शुरू हुआ था. जब बिहार के पटना जिले में फुलवारीशरीफ पुलिस ने मरगूब अहमद दानिश उर्फ ताहिर को गिरफ्तार किया था. इसके बाद यह मामला एनआईए तक पहुंच गया और इस मामले में एनआईए मामला दर्ज किया. जांच में पता चला कि मरगूब अहमद व्हाट्सएप ग्रुप गजवा-ए-हिंद का एडमिन था, जिसे जैन नाम के एक पाकिस्तानी नागरिका ने बनाया था.
आरोपी मरगूब अहमद ने भारत के साथ-साथ पाकिस्तान, बंग्लादेश और यमन सहित अन्य देशों के कई लोगों को एक ग्रुप में जोड़ा था, जो टेलीग्राम और बीआईपी मैसेंजर जैसे अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर एक्टिव था. इस ग्रुप को पकिस्तान से संचालित किया जा रहा था. एनआईए जांच में पाया गया कि मरगूब अहमद भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए स्लीपर सेल जुटाने की तैयारी कर रहा था. इसके अलावा आरोपी ने बीडी गजवा ए हिंद बीडी के नाम से एक और व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था, जिसमें उसने बांग्लादेशी नागरिकों को जोड़ा था.
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