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एनआईए की गजवा-ए-हिंद मामले में बड़ी कार्रवाई, तीन राज्यों के कई जिलों में की ताबड़तोड़ छापेमारी, कई दस्तावेज बरामद

तीन राज्यों में संदिग्धों के परिसरों पर की गई छापेमारी के दौरान मोबाइल फोन, मेमोरी कार्ड, सिम कार्ड जैसे डिजिटल उपकरणों सहित अन्य दस्तावेज जब्त किए गए हैं.

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NIA (फाइल फोटो)

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने पाकिस्तान में मौजूद संदिग्धों द्वारा चलाए जा रहे कट्टरपंथी मॉड्यूल ‘गजवा-ए-हिंद’ के खिलाफ एक मामले के सिलसिले में रविवार को तीन राज्यों में कई स्थानों पर छापेमारी की. अधिकारियों ने बताया कि पिछले साल दर्ज मामले के संबंध में एनआईए द्वारा पांच स्थानों – दो पटना में और एक दरभंगा (बिहार), सूरत (गुजरात) और बरेली (उत्तर प्रदेश) – में छापेमारी की गई.

14 जुलाई को दर्ज की गई थी FIR

एजेंसी के मुताबिक, तीन राज्यों में संदिग्धों के परिसरों पर की गई छापेमारी के दौरान मोबाइल फोन, मेमोरी कार्ड, सिम कार्ड जैसे डिजिटल उपकरणों सहित अन्य दस्तावेज जब्त किए गए हैं. यह मामला पिछले साल 14 जुलाई को बिहार पुलिस द्वारा पटना के फुलवारी शरीफ इलाके से मरगूब अहमद दानिश उर्फ ​​ताहिर की गिरफ्तारी के बाद दर्ज किया गया था. एनआईए ने आठ दिन बाद मामले की जांच अपने हाथ में ली थी. दानिश के खिलाफ छह जनवरी को भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया था.

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स्लीपर सेल बनाने के उद्देश्य से चलाया जा रहा था WhatsApp ग्रुप

एनआईए ने कहा, आरोपी को गजवा-ए-हिंद मॉड्यूल का सदस्य पाया गया, जो पाकिस्तान में बैठे आकाओं द्वारा संचालित था. इसका उद्देश्य भारतीय क्षेत्र में गजवा-ए-हिंद की स्थापना के लिए प्रभावशाली युवाओं को कट्टरपंथी बनाना था. इसने कहा, जांच से पता चला कि दानिश एक व्हाट्सऐप ग्रुप ‘गजवा-ए-हिंद’ का संचालन कर रहा था, जिसे ज़ैन नाम के एक पाकिस्तानी नागरिक ने बनाया था. उसने देश में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए स्लीपर सेल बनाने के उद्देश्य से कई भारतीयों, पाकिस्तानियों, बांग्लादेशियों और यमनी नागरिकों को इस ग्रुप में जोड़ा था. एजेंसी के मुताबिक, आरोपी ने विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर भी ‘गजवा-ए-हिंद’ नाम से ग्रुप बनाया था.

-भारत एक्सप्रेस



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