लालू यादव और नीतीश कुमार. (फाइल फोटो)
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने गुरुवार (2 जनवरी) को राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव के INDIA गठबंधन में फिर से शामिल होने के “दरवाजे खुले हैं” वाले बयान पर एक रहस्यमयी प्रतिक्रिया दी. पत्रकारों द्वारा लालू यादव की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर नीतीश कुमार ने हाथ जोड़कर, मुस्कुराते हुए कहा, “क्या बोल रहे हैं.”
यह आदान-प्रदान लालू यादव के एक साक्षात्कार के दौरान दिए गए बयान के बाद हुआ है, जिसमें उन्होंने कहा था, “नीतीश कुमार के लिए हमारे दरवाजे खुले हैं. उन्हें भी अपने दरवाजे खोलने चाहिए. इससे दोनों पक्षों के लोगों की आवाजाही में सुविधा होगी.”
लालू यादव के बयान ने बिहार में दो दिग्गज नेताओं के बीच एक और गठबंधन की संभावना के बारे में अटकलों को हवा दे दी है, जिन्हें अक्सर बिहार के राजनीतिक हलकों में “बड़ा भाई, छोटा भाई” कहा जाता है. लालू यादव का नीतीश कुमार के प्रति यह प्रस्ताव अशांत गठबंधनों के इतिहास के बाद आया है. नीतीश कुमार पिछले एक दशक में दो बार राजद के साथ गठबंधन कर चुके हैं. सबसे हाल ही में वे महागठबंधन के हिस्से के रूप में शामिल हुए थे, उसके बाद 2024 में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल हो गए.
बस आपके सवालों का जवाब दे रहे थे
लालू प्रसाद यादव के बेटे और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने अपने पिता की टिप्पणियों को कमतर आंकते हुए कहा कि वे “मीडिया की जिज्ञासा को संतुष्ट करने” के लिए की गई थीं. बिहार के नए राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के शपथ ग्रहण समारोह में पत्रकारों से बात करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा, “वे (लालू यादव) और क्या कहेंगे. वे बस आपके सवालों का जवाब दे रहे थे.”
हालांकि, तेजस्वी यादव ने कहा कि नया साल नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के अंत का गवाह बनेगा. उन्होंने आगे नीतीश कुमार पर करीबी सलाहकारों के एक छोटे समूह के बंदी होने और अब बिहार को स्वतंत्र रूप से चलाने में सक्षम नहीं होने का आरोप लगाया.
केंद्रीय मंत्री और JDU नेता ललन सिंह ने लालू यादव की टिप्पणियों को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा, “एनडीए मजबूत है. जदयू और बीजेपी एकजुट हैं. लोग जो चाहें कह सकते हैं. यह एक स्वतंत्र देश है.”
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-भारत एक्सप्रेस
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