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No Confidence Motion: किरेन रिजिजू बोले – I.N.D.I.A नाम रखने से कुछ नहीं होता… जानें डिंपल से लेकर सौगत राय तक ने अविश्वास प्रस्ताव पर क्या कहा

No Confidence Motion: बीजेडी सांसद पिनाकी मिश्रा का कहना था, “मेरा हमेशा से मानना रहा है कि कांग्रेस पार्टी जीतते हुए हारने में माहिर है. वे अपना चेहरा बिगाड़ने के लिए अपनी नाक काटने में भी बहुत माहिर हैं.”

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गौरव गोगोई, निशिकांत दुबे व डिंपल यादव

No Confidence Motion: लोकसभा में मंगलवार को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर जुबानी जंग देखने को मिली. सदन में मणिपुर हिंसा को लेकर ‘डबल इंजन’ सरकार पर पूरी तरह विफल रहने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने कहा कि विपक्ष द्वारा अविश्वास प्रस्ताव मजबूरी में लाना पड़ा ताकि इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ‘मौनव्रत’ तोड़ा जा सके.

गौरव गोगोई ने मणिपुर के लिए मांगा न्याय

सदन में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने सवाल किया कि प्रधानमंत्री ने मणिपुर का दौरा क्यों नहीं किया और मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को पद पर क्यों बनाए रखा? उन्होंने पीएम मोदी पर जमकर हमला बोला और कहा कि प्रधानमंत्री मौन रहना चाहते हैं क्योंकि उन्हें सिर्फ अपनी छवि से लगाव है और वह अपनी सरकार, गृह मंत्रालय और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार विफलताओं को सामने नहीं आने देना चाहते. उन्होंने कहा कि यह हमारी मजबूरी है कि हमें यह अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़ा है. यह संख्या को लेकर नहीं है, बल्कि मणिपुर के इंसाफ के लिए है.’’

निशिकांत दुबे का पलटवार

वहीं अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस के आरोपों पर कहा, ‘‘आज यह अविश्वास प्रस्ताव एक गरीब के बेटे के खिलाफ लाया गया है. यह प्रस्ताव उस व्यक्ति (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी) के खिलाफ है जिसने गरीबों को मकान बनाकर दिये, जिसने गरीब जनता को पीने का पानी दिया, शौचालय दिये, जिसने गरीब के घर में उजाला लाने की कोशिश की.’’ बीजेपी सांसद ने कहा कि विपक्षी दलों का विरोध इस बात पर है कि पीएम मोदी के शासनकाल में गरीब के घर में चूल्हा क्यों जल रहा है, विदेशी नेता प्रधानमंत्री का सम्मान क्यों करते हैं. ये अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है. ये क्यों लाया गया है? सोनिया गांधी यहां बैठी हैं. मुझे लगता है कि उन्हें दो काम करने होंगे- बेटे को सेट करना है और दामाद को भेंट है. यही इस प्रस्ताव का आधार है.

डिंपल यादव ने महिलाओं के खिलाफ अपराध का मुद्दा उठाया

अविश्वास प्रस्ताव पर सपा ने केंद्र सरकार पर मणिपुर के मुद्दे पर संवेदनहीनता दिखाने का आरोप लगाया. सपा ने कहा कि यह सरकार ‘अहंकार’ में डूबी है और उत्तर पूर्व राज्य में हिंसा की घटनाओं के लिए भाजपा जिम्मेदार है. सपा सांसद डिंपल यादव ने सरकार के खिलाफ लाये गये अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते कहा कि जब महिलाओं के खिलाफ अपराध की बात होती है तो उत्तर प्रदेश की भी चर्चा होनी चाहिए. डिंपल यादव ने दावा किया कि एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में हर तीन घंटे में एक महिला का यौन उत्पीड़न होता है. उन्होंने कहा कि मणिपुर की घटना मामूली नहीं. सपा सदस्य ने कहा कि मणिपुर के मुद्दे पर केंद्र सरकार का रवैया संवेदनाहीन है और वह ‘अहंकार में डूबी’ है.

टीएमसी ने पीएम पर साधा निशाना

सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान टीएमसी ने केंद्र पर जनता से जुड़े मुद्दों को नजरंदाज करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब मणिपुर जल रहा था तब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उस राज्य का दौरा करने के बजाय विदेश यात्रा पर थे. टीएमसी सांसद सौगत राय ने कहा कि आज उन्हें प्रधानमंत्री के बारे में व्यक्तिगत रूप से कुछ नहीं कहना, उनकी शिक्षा के बारे में नहीं कहना, बीबीसी डॉक्यूमेंट्री के बारे में कुछ नहीं कहना और न ही गुजरात दंगों के बारे में कुछ कहना है.

नाम से कुछ नहीं होता- किरेन रिजिजू

वहीं लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने ‘इंडिया’ गठबंधन पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि गठबंधन को I.N.D.I.A नाम देने से कुछ नहीं होगा जबकि आप वास्तव में भारत के खिलाफ काम कर रहे हैं. 2014 से पहले पूर्वोत्तर के कई लोगों को दिल्ली और देश के अन्य प्रमुख शहरों में नस्लीय भेदभाव और अत्याचार का सामना करना पड़ा था. 2014 के बाद हालात बदले और आजादी के बाद पहली बार गुवाहाटी में डीजीपी कॉन्फ्रेंस हुई. इस बैठक के दौरान पीएम ने निर्देश दिया कि पुलिस पूर्वोत्तर के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करे.

बीजेडी सांसद कांग्रेस पर बरसे

वहीं बीजेडी सांसद पिनाकी मिश्रा का कहना था, “मेरा हमेशा से मानना रहा है कि कांग्रेस पार्टी जीतते हुए हारने में माहिर है. वे अपना चेहरा बिगाड़ने के लिए अपनी नाक काटने में भी बहुत माहिर हैं. वे जानते हैं कि जब भी प्रधानमंत्री सदन में बोले, उन्होंने कांग्रेस पार्टी को मुश्किल में डाला है. यह सामान्य ज्ञान, तर्क, राजनीतिक समझ को खारिज करता है. इस देश के लोग तय करेंगे कि प्रधानमंत्री का न बोलना सही था या गलत. आपको मामले को लोगों के पास ले जाना होगा.”

-भारत एक्सप्रेस



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