एस. जयशंकर, विदेश मंत्री (फाइल फोटो)
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर पुणे में एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे. जहां उन्होंने देश की विदेश नीति को लेकर कहा कि “2014 में जब से केंद्र की सत्ता बदली है, तब से विदेश नीति में बदलाव आने के साथ ही आतंकवाद से निपटने के तरीके में भी काफी बदलाव आया है.” विदेश मंत्री ने कहा, आज के समय में देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती पाकिस्तान है.
ये समस्या 1947 में शुरू हुई थी
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कार्यक्रम में युवाओं को संबोधित करते हुए आगे कहा कि PM Modi 2014 में प्रधानमंत्री बने थे, लेकिन ये समस्या 1947 में शुरू हुई थी. 1947 में जो लोग पाकिस्तान से कश्मीर आए, उन्होंने वहां पर हमले किए, ये आतंकवाद था. पाकिस्तान से आए लोग शहरों और गांवों को जला रहे थे, वे लोगों को मौत के घाट उतार रहे थे. पाकिस्तान ने कश्मीर में कबायली आक्रमणकारियों को भेजा, लेकिन भारतीय सैनिकों ने उनका डटकर मुकाबला किया.
अगर हम शुरू से स्पष्ट होते तो…
विदेश मंत्री ने कहा कि अगर हम शुरू से ही स्पष्ट होते कि पाकिस्तान आतंकवाद का इस्तेमाल कर रहा है और ये किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेंगे. अगर कोई देश बातचीत के लिए आतंकवाद का सहारा लेकर एक टेबल पर लाने की कोशिश करेगा तो इसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा.
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“आतंकवादियों को जवाब देने के लिए कोई नियम नहीं”
एस.जयशंकर ने इस दौरान 26/11 मुंबई हमले को लेकर कहा कि इस हमले के बाद यूपीए की सरकार ने कई दौर की बैठक और चर्चाएं की. तमाम मंथन के बाद भी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे. आतंकियों को ये कभी भी नहीं लगना चाहिए कि वो पाकिस्तान में हैं तो उन्हें कोई नुकसान नहीं होगा. आतंकवादियों को जवाब देने के लिए किसी नियम की जरूरत नहीं होती है.
-भारत एक्सप्रेस
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