पार्टी प्रेसिडेंट का चुनाव करेगा बीजेपी का पार्लियामेंट्री बोर्ड.
BJP Parliamentary Board will elect party president: भाजपा में अब राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद को चुनाव के जरिए नहीं भरा जाएगा. यानी अब कार्यकाल पूरा होने पर पार्टी का पार्लियामेंट्री बोर्ड नए अध्यक्ष की नियुक्ति कर सकेगा. जानकारी के अनुसार पार्टी के संविधान में यह महत्वपूर्ण बदलाव राष्ट्रीय अधिवेशन में प्रस्ताव पारित कर किया गया है.
प्रस्ताव के पास होने के बाद बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्ड का कार्यकाल जून 2024 तक के लिए बढ़ा दिया गया है. इससे पहले वे जून 2019 में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष बने थे. इसके बाद 20 जनवरी को पार्टी के पूर्णकालिक अध्यक्ष बना दिए गए थे. हालांकि उनका कार्यकाल नवंबर में हुए विधानसभा चुनावों के बाद समाप्त हो रहा था. लेकिन उन्हें अगले आम चुनाव तक अध्यक्ष बनाने का फैसला अब किया गया है.
जानें कैसे होता हैं पार्टी के अध्यक्ष का चुनाव
जानकारी के अनुसार भाजपा के संविधान की धारा 19 में राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की पूरी प्रकिया बताई गई है. अध्यक्ष का चुनाव राष्ट्रीय परिषद् करती है. हालांकि भाजपा को अभी तक चुनाव की नौबत आई नहीं है क्योंकि पार्टी आम सहमति से ही अब तक अध्यक्ष बनते आए हैं. इसी को बीजेपी आंतरिक लोकतंत्र भी कहती है.
भाजपा का अध्यक्ष बनने के लिए जरूरी है कि व्यक्ति कम से कम 15 साल तक पार्टी का प्राथमिक सदस्य रहा हो. संविधान के अनुसार अध्यक्ष के निर्वाचन मंडल में राष्ट्रीय परिषद् और प्रदेश परिषद् शामिल होती है. ऐसे में निर्वाचक मंडल के कुल 20 सदस्य राष्ट्रीय अध्यक्ष की योग्यता रखने वाले व्यक्ति के नाम का प्रस्ताव रखते हैं. भाजपा के संविधान की मानें तो आधे से ज्यादा राज्यों में चुनाव के बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होता है. पार्टी की धारा 21 के अनुसार अध्यक्ष का कार्यकाल 3 साल का होता है. कोई भी व्यक्ति 3-3 साल के लिए पार्टी का अध्यक्ष रह सकता है.
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