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अब निशुल्क मिलेगी अदालत के आदेश की कॉपी, हाईकोर्ट ने दिए सिविल कोर्ट को निर्देश

Law and Order News: किसी मामले में अदालत का आदेश जारी होता है तो उसकी कॉपी हासिल करने के लिए कई लोगों को फीस चुकानी पड़ती है, हालांकि अब हाईकोर्ट से निर्देश आए हैं कि ये कॉपी बिना कोई शुल्क के हासिल की जा सकेगी.

झारखंड उच्च न्यायालय का परिसर.

Jharkhand High Court Orders: अब सिविल कोर्ट द्वारा जिन अभियुक्तों की जमानत अर्जी खारिज होगी, उन्हें बिना किसी शुल्क (फीस) के अदालत के आदेश की कॉपी मिल सकेगी. इस संबंध में झारखंड हाईकोर्ट ने सिविल कोर्ट को आदेश जारी किया है.

हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि जो भी विचाराधीन कैदी जेल में बंद हैं, वह जमानत अर्जी रद्द होने पर उसकी कॉपी निःशुल्क प्राप्त करने के अधिकारी हैं. इसलिए राज्य के सभी ट्रायल कोर्ट को यह निर्देश दिया जाता है कि जमानत याचिका रद्द होने पर अभियुक्त के वकील को बिना किसी शुल्क के रिजेक्शन ऑर्डर की कॉपी मुहैया कराई जाए.

हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक, यह कॉपी सभी न्यायिक कार्यों में सर्टिफाइड कॉपी के रूप में भी इस्तेमाल की जा सकेगी. इससे पहले जमानत अर्जी खारिज होने के बाद उसकी कॉपी लेने के लिए पैसे खर्च करने पड़ते थे.

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समय से सर्टिफाइड कॉपी मुहैया कराने का निर्देश

जानकारी के मुताबिक, न्यायमूर्ति रंगन मुखोपाध्याय कुछ दिनों पहले धनबाद सिविल कोर्ट का औचक निरीक्षण करने गए थे. इस दौरान वह जींस व टी-शर्ट में थे और चेहरे पर मास्क लगाए थे. उन्होंने वहां सिविल कोर्ट के सभी जजों के साथ बातचीत की. बार एसोसिएशन का भी निरीक्षण किया. न्यायमूर्ति ने बार एसोसिएशन को दुरुस्त करने और अपनी समस्याओं के संबंध में अवगत कराने का सुझाव दिया. इसके अलावा न्यायमूर्ति ने सिविल कोर्ट के कॉपी डिपार्टमेंट को समय सीमा में सर्टिफाइड कॉपी मुहैया कराने का निर्देश भी दिया. यहां उनका झारखंड स्टेट बार काउंसिल के को-चेयरमैन राधेश्याम गोस्वामी और धनबाद बार के महासचिव जीतेंद्र कुमार ने स्वागत किया.

— भारत एक्सप्रेस



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