दिल्ली हाईकोर्ट.
UPSC Aspirants Death Case: दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर कोचिंग सेंटर हादसे में 3 छात्रों की मौत मामले की जांच कर रही सीबीआई ने सील बंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट दिल्ली हाईकोर्ट को सौंप दिया है. कोर्ट सीबीआई की मांग पर जांच पूरी करने की समय सीमा को बढ़ा दिया है. साथ कोर्ट ने सीवीसी को जांच की निगरानी करने को कहा है. मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि यह बहुत गंभीर और दुर्लभ मामला है. कोर्ट 18 नवंबर को इस मामले में अगली सुनवाई करेगा. इससे पहले कोर्ट ने सीबीआई को इस मामले में चार्जशीट दाखिल करने से रोकने की मांग वाली अर्जी को खारिज कर दिया था.
हाई कोर्ट ने कहा था इस तरह का आदेश जारी नही कर सकता है. यह याचिका मृतक नेविन डेलविन के पिता की ओर से दायर की गई थी. सीबीआई ने इस मामले में खुलासा करते हुए कहा था कि राव आईएएस के मालिक ने जानबूझकर बेसमेंट का इस्तेमाल किया था. दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले को सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया था.
सीबीआई ने आपराधिक लापरवाही, कर्तव्यों की उपेक्षा और भ्र्ष्ट आचरण समेत विभिन्न कथित अपराधों के लिए मामला दायर किया है. सीबीआई को केस ट्रांसफर करते हुए हाईकोर्ट ने कहा था कि इस मामले को ध्यान में रखकर लर्जर पिक्चर पर बात होनी चाहिए. मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट में कहा था कि दिल्ली में लोग आग और पानी से मर रहे हैं.
ऐसा लग रहा है कि हम जंगल में रह रहे हैं. याचिका कर्ता के वकील ने यह भी कहा था कि राजेंद्र नगर में बेसमेंट में कई लाइब्रेरी चल रही हैं. लेकिन एमसीडी की तरफ को कोई कार्रवाई नही की गई है. पता नहीं कि एमसीडी क्यों शांत है? कड़वा सच यह भी है कि वहां कई मौजूदा आयुक्तों की संपत्ति है.