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UP Politics: ‘समाजवादी पार्टी की तानाशाही और गुंडागर्दी…’, आजम खान की सजा पर राजभर ने साधा निशाना, बोले- गलती स्वीकार करें

ओपी राजभर ने कहा कि, जहां तक आजम खान का सवाल है तो उन्हें ऊपरी अदालत में आवेदन करने का मौका है. हालंकि मामले में अदालत ने कानून का उल्लंघन पाया है.

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सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर (फाइल फोटो)

UP Politics: आजम खान के साथ इस मुश्किल की घड़ी में जहां एक और समाजवादी पार्टी पूरी तरह से खड़ी दिखाई दे रही है तो वहीं उनके केस में यूपी की सियासत भी गरम हो गई है. जहां एक और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस मामले को लेकर भाजपा सरकार पर हमला बोला है तो वहीं भाजपा ने भी आजम खान की सजा को उनके गलत कामों का नतीजा बताया है. इसी दौरान ताजा बयान एनडीए गठबंधन में शामिल सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर का सामने आ रहा है, जिन्होंने इस पूरे मामले को लेकर सपा पर निशाना साधा है और कहा है कि, समाजवादी पार्टी की तानाशाही और गुंडागर्दी के चलते ये जातीय प्रमाण पत्र बनवाया गया होगा. गलती है, गलती को स्वीकार करना चाहिए. अदालत में क्या जाति धर्म के आधार पर फैसले आते हैं? जो रिपोर्ट न्यायालय में जाती है उसी आधार पर फैसले होते हैं.

बता दें कि 2019 के फर्जी प्रमाण पत्र मामले में बुधवार को रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने आजम खान, उनकी पत्नी तंजीम फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को सात-सात साल की सजा सुनाई है. इसी के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई है. नेताओं की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. बता दें कि आजम खान उत्तर प्रदेश की सियासत का बड़ा चेहरा हैं तो वहीं लोकसभा चुनाव से पहले उनके ऊपर हुई इस कार्रवाई को आजम परिवार के साथ ही सपा के लिए भी बड़ा झटका माना जा रहा है.

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ऊपरी अदालत में है जाने का मौका

इसी बीच सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने अदालत के फैसले का सम्मान करने की बात कही है. उन्होंने कहा है कि, हमें भी अदालत का फैसला स्वीकार है. जहां तक आजम खान का सवाल है तो उन्हें ऊपरी अदालत में आवेदन करने का मौका है. इसी के साथ ओम प्रकाश राजभर ने ये भी कहा कि, मामले में अदालत ने कानून का उल्लंघन पाया है. इसी के बाद फैसला सामने आया है. इस फैसले का सम्मान करना चाहिए. इसी के साथ ओपी राजभर ने सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि, “समाजवादी पार्टी की तानाशाही और गुंडागर्दी के चलते ये जातीय प्रमाण पत्र बनवाया गया होगा.” इसी के साथ नसीहत दी कि, “गलती है, तो गलती को स्वीकार करना चाहिए. अदालत में क्या जाति धर्म के आधार पर फैसले आते हैं? जो रिपोर्ट न्यायालय में जाती है उसी आधार पर फैसले होते हैं.”

जानें क्या है मामला

बता दें कि आजम खान के बेटे व पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम के खिलाफ दो जन्म प्रमाण पत्र को लेकर 2019 में मामला दर्ज कराया गया था और इस मामले में उनकी पत्नी तंजीन फातिमा को भी आरोपी बनाया गया था. भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने गंज थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था. इसके बाद पुलिस ने मामले की छानबीन कर विवेचना के बाद चार्जशीट दाखिल की थी. तो वहीं बुधवार (18 अक्टूबर 2023) को इस केस में अदालत ने सुनवाई की और फिर आजम खान के साथ ही इस केस में उनकी पत्नी और बेटे को भी दोषी माना. सजा मिलने के बाद से ही इस मुद्दे पर जमकर सियासत हो रही है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने तो यहां तक कह दिया है कि, आजम खान को मुसलमान होने की सजा मिली है. उनके खिलाफ साजिश और षड़यंत्र किया गया है.

-भारत एक्सप्रेस

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